Q17)
विभागीय उपक्रम किसे कहते हैं । किन्हीं दो विभागों उपक्रमों के हानियां बताइए।
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Answer:
निजी कम्पनियां ऐसे क्षेत्रों में उद्योग लगाने हेतु रूचि नहीं लेते थे जिसमें, भारी पूंजी निवेश हो लाभ कम हो, सगर्भता की अवधि (जेस्टेशन पीरियड) लम्बी हो जैसे-मशीन निर्माण, आधारभूत ढ़ांचा, तेल अन्वेषण आदि इसी तरह निजी उद्यमी उन क्षेत्रों को ही प्राथमिकता देते हैं जहां संसाधन सुलभता से उपलब्ध हों जैस-कच्चे माल, श्रमिक, विद्युत, बाजार आदि। इसके परिणाम स्वरूप क्षे़त्रीय असंतुलन बढ़ने लगा था। इसलिए सरकार ने निजी डपक्रमों के व्यावसायिक कार्यकलापों को नियंत्रित करते हुए व्यवसाय में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेना प्रारंभ किया, और सार्वजनिक उद्रयो उदयमों जैसे, कोयला उद्योग तेल उद्योग मशीन-निमार्ण, इस्पात उत्पादन, वित्त आरै बैंकिंग, बीमा, रेलवे इत्यादि उद्योगो की स्थापना सरकार द्वारा की गई है।
इन इकाइयों पर न केवल केन्द्र सरकार, राज्य सरकार या स्थानीय सरकारों का स्वामित्व रहता है, वरन् इनका प्रबंधन और नियंत्रण भी इनके द्वारा ही किया जाता है। ये इकाइयां सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के नाम से जानी जाती हैं। इसमें आप सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रकृति और उनकी विशेषताओं तथा उनके संगठन के स्वरूपों के बारे में अध्ययन करेंगे।