Q2 गौरा, दुर्मुख,गिल्लू और सोना की चारित्रिक विशेषताओं पर विस्तार सहित प्रकाश डालिए। 10
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गौरा, दुर्मुख , गिल्लू और सोना की चारित्रिक विशेषताएं निम्नलिखित है।
महादेवी वर्मा को पशुओं से बहुत प्रेम था। उन्होंने गौरा गाय, दूर्मुख खरगोश, गिल्लू गिलहरी तथा सोना हिरण इन प्राणियों को पाला था ।
- गौरा - अपनी एक परिचिता के कहने पर महादेवी वर्मा ने गौरा नामक गाय पाली थी, वह बहुत सुंदर गाय थी। सबको अपनी आवाज से पहचान लेती थी। महादेवी जी के कंधे पर अपने सिर रखकर सो जाती थी।
- दुर्मुख - दुर्मुख़ महादेवी जी का खरगोश था । दुर्मुख के पूरे शरीर पर कोमल फर थे।छोटी पूंछ थी, स्वच्छ पंजे थे। उसका एक कान काला तथा एक सफेद था, इस कारण उसकी आंख भी एक काली तथा एक सफेद थी। दुर्मुख अन्य खरगोशों की तरह कोमल स्वभाव का नहीं था, उसे बात बात पर गुस्सा आ जाता था, भूख लगने पर वह अपने पंजे किसी के भी पैरों में चुभाता था।
- गिल्लू - गिल्लू एक छोटा गिलहरी का बच्चा था, जिसे लेखिका का माली पड़ोस के घर से लाया था। लेखिका ने अपने कमरे में ही एक डाली पर गिल्लू का घर बनाया था,जब लेखिका लेखन का कार्य करती , तब गिल्लू खिड़की पर उतरती, चढ़ती, लेखिका का ध्यान बंटाती थी। लेकिन उसे भी लेखिका से बहुत लगाव था।
- सोना - सोना एक हिरण था, वह लेखिका के पलंग के पाए से सटकर सो जाता था, सुबह होते ही दूध के साथ भीगे चने खाकर छात्रावास चले जाता था, उसे बच्चों के साथ खेलना , हरी सब्जियां खाना बहुत अच्छा लगता था।
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