Economy, asked by shallujudge803, 9 months ago

Q2. The process under which intermediate goods (raw material) change into final goods
(ready material) is called..............
A. Exchange.
B. Consumption
C. Production.
D. Investment​

Answers

Answered by akankshatiwari97
5

Answer:

investment i hope it helps you

Answered by anildeny
0

Answer:

Explanation:

शुद्ध अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध

अर्पण अरपन अनभिज्ञ अनभिग्य

आहार अहार अस्वीकार अश्वीकार

अपराह्न अपरान्ह अभिषेक अभिसेक

अनुगृहीत अनुग्रहीत अधीन आधीन

अंतःकथा अंतर्कथा अनधिकार अनाधिकार

अनुसरण अनुशरण आशीर्वाद आर्शीवाद

अमावस्या अमावश्या अपह्नुति अपन्हुति

अध्ययन अध्यन आर्द्र आद्र

आतिथेय आतिथे आकांक्षा अकांक्षा

अट्टालिका आट्टालिका आधिक्य आधिक्यता

आवश्यक अवश्यक आच्छादन आक्षादन

आध्यात्मिक अध्यात्मिक आजीविका अजीविका

अद्वितीय अदितीय आमिष अमिस

आराधना अराधना आशा आसा

आषाढ़ असाढ़ श्मशान श्यमशान

उज्ज्वल उज्जवल उल्लंघन उलंघन

उत्पात उतपात उन्नति उन्नती

उन्मीलित उन्मिलित ऊपर उपर

ऐक्य ऐक्यता ऐश्वर्य एश्वर्य

कुंअर कुंवर कौशल्या कौसल्या

कृतकृत्य कृत्यकृत्य कृतघ्न कृतघ्नी

करोड़ करोड केन्द्रीकरण केन्द्रीयकरण

क्यारी कियारी कृपा क्रिपा

कीर्ति कीर्ती कृपया कृप्या

कवयित्री कवियित्री कालिदास कालीदास

कर्त्तव्य-पालन कर्त्तव्यपालन ईर्ष्या ईर्षा

गायकी गायिकी गृहणी ग्रहणी

गायें गौवें गरुड़ गरुण

गरिष्ठ गरिष्ट गृहस्थ ग्रहस्थ

गर्मी गरमी चंचल चन्चल

क्षत्रिय क्षत्रीत क्षमा छमा

क्षेम छेम ज्योत्स्ना ज्योत्सना

जामाता जमाता जागृति जाग्रति

जगज्जननी जगत जननी तालाब तलाब

त्याज्य त्यज्य तरुच्छाया तरुछाया

तात्कालिक तत्कालिक त्रिकाल तृकाल

तलाशी तलासी त्रिगुण त्रगुन

तिलांजलि तिलांजली दरिद्रता दारिद्रता

दाँत दांत देशनिकाला देश-निकाला

दयालु दयालू दुरवस्था दुरावस्था

द्रष्टव्य दृष्टव्य दृश्य दृष्य

दोष दोश दृग द्रग

धनुष धनुश निवारण निवारन

निर्वाण निरवान निश्चेष्ट निश्चेष्ठ

नारायण नरायन नवाब नबाब

निरपराध निरापराध नाराज नराज

नारी नारि निरोग निरोग्य

पतित पतीत पुष्पावली पुष्पावलि

प्रेयसी प्रेयसि प्रदर्शनी प्रदर्शिनी

प्रतिज्ञा प्रतीज्ञा प्रसन्न प्रशन्न

पुरस्कार पुरुस्कार पोषक पोसक

पद्मिनी पदमिनी परिच्छेद परिछेद

पृष्ठ पृष्ट पयःपान पयापन

पितृभक्ति पिताभक्ति पैतृक पैत्रिक

पौरुष पौरुश परिषद परिसद

पुल्लिंग पुलिंग पिशाची पिशाचिनी

प्रादेशिक प्रदेशिक प्राप्ति प्राप्ती

प्रामाणिक प्रमाणिक प्रणाम प्रनाम

प्रज्वलित प्रज्ज्वलित प्रतिच्छाया प्रतिछाया

प्रशंसा प्रसंसा वृक्ष बृक्ष

विराजमान विराज्यमान वाल्मीकि वाल्मीकी

विरहिणी विरहणी वाहिनी वाहनी

विधि विधी व्याप्त व्यापित

बहुलता बहुल्यता विश्लेषण विस्लेषण

बहिष्कार बाहिष्कार विशेष विशेस

भस्मीभूत भस्मिभूत भवसागर भौसागर

माहात्म्य महात्म मृत्युञ्जय मृत्युन्जय

माननीय मान्यनीय मनोज्ञ मनोग्य

मेहनत मेनहत मंत्रिमंडल मंत्रीमंडल

मिट्टी मट्टी महायज्ञ महाज्ञ

योद्धा योधा यश यस

यशोलाभ यशलाभ यशस्वी यसस्वी

राजनीतिक राजनैतिक राजगण राजागण

ऋतु ऋतू राजर्षि राजऋषि

ऋण रिण विरहिणी विरहणी

विस्मृत विसमृत विदेह वीदेह

विकास विकाश विषम विसम

वेश वेष व्यावहारिक व्यवहारिक

शिरःपीड़ा शिरोपीड़ा शशि शशी

शताब्दी शताब्दि शान्तिमय शांतमय

साप्ताहिक सप्ताहिक संन्यास सन्यास

स्वास्थ्य स्वस्थ साम्य साम्यता

सम्मुख सन्मुख संगृहीत संग्रहीत

सर्वस्व सर्वश्व हतबुद्धि हतोबुद्धि

हिरण्यकशिपु हिरण्यकश्यप ऋषिकेश ऋषीकेश

स्थिति स्थिती सत्वगुण सतीगुण

समीक्षा समिक्षा स्थायी स्थाई

सहिष्णु सहीष्णु संवाद सम्वाद

सुन्दरता सौंदर्यता संवारना सवारना

साम्राज्य सम्राज्य सौजन्य सौजन्यता

स्वावलम्बन स्वालम्बन सम्मान सन्मान

युधिष्ठिर युधिष्ठर द्वारका द्वारिका

तदनन्तर तदान्तर ब्रज बृज

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