Q23) 'SEWA महिलाओं के लिए और उनके द्वारा चलाए
जाने वाले संगठन के दो फ़ायदे बताओ।
८
HA
Answers
Balika Samriddhi Yojana
The scheme of Balika Samriddhi Yojana was launched on 2nd October 1997 with the objective of raising the overall status of the girl-child and bringing about a positive change in family and community attitudes. The scheme covers up two girls children born on or after 15th August 1997 in a family living below poverty line as defined by the Government of India.
BMS is given as one time grant of Rs.500/- to mother giving birth to a girl child of B.P.L. families.
Coverage of beneficiaries is 12357 girl child as till date.
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बिहार महिला समाज' ने अपने आंदोलन के 50 साल पूरे कर लिए हैं. बिहार की महिलाओं को कई क्षेत्रों में हक़ दिलाने और उनके सशक्तिकरण में इस संगठन के संघर्ष की अहम भूमिका रही है.
साल 1967 के अगस्त में चार महिलाओं ने इस संगठन की रूपरेखा तैयार की थी. ये महिलाएं थीं: उर्मिला प्रसाद, नलिनी राजिमवाले, नीलिमा सरकार और प्रोफ़ेसर गौरी गांगुली. ये सभी वामपंथी विचारधारा में यक़ीन रखती थीं. 10 सिंतबर, 1967 को विमला फ़ारूक़ी की देखरेख में महिला समाज के पदाधिकारियों का चयन हुआ था. एक ज़माने में अरुणा आसफ अली जैसी भारत की मशहूर नेत्रियों की सरपरस्ती भी इस संगठन को हासिल हुई थी.राज्य में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत महिला समाज ने की थी. साल 1968 में सूबे में पहली बार यह दिन मनाया गया. तब इस दिन को दहेज विरोधी दिवस के रूप में मनाया गया था. महिला समाज ने दहेज नहीं लेने वालों को सम्मानित करने की शुरुआत भी की थी. दहेज नहीं लेने के लिए शपथ पत्र अभियान चलाया गया था.