Q24 गंभीर रूप से उन सामाजिक आर्थिक लाभों का विश्लेषण करते हैं जिनका अनुभव किया जा रहा है भरमौर जिले में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना का कार्यान्वयन
हिमाचल प्रदेश?
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जनजातीय विकास कार्यक्रमों का सिंहावलोकन करने से स्पष्ट है कि जनजातीय विकास के नाम पर बहुत-सा रुपया व्यय करने के पश्चात भी जनजातियों को संविधान के अनुरूप सुरक्षा प्रदान करने में सफलता नहीं मिली है।
जनजातीय विकास कार्यक्रमों का सिंहावलोकन करने से स्पष्ट है कि जनजातीय विकास के नाम पर बहुत-सा रुपया व्यय करने के पश्चात भी जनजातियों को संविधान के अनुरूप सुरक्षा प्रदान करने में सफलता नहीं मिली है।वस्तुतः जनजातीय विकास नीति ही इस अवनति का कारण बनी जो निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट है-
जनजातीय विकास कार्यक्रमों का सिंहावलोकन करने से स्पष्ट है कि जनजातीय विकास के नाम पर बहुत-सा रुपया व्यय करने के पश्चात भी जनजातियों को संविधान के अनुरूप सुरक्षा प्रदान करने में सफलता नहीं मिली है।वस्तुतः जनजातीय विकास नीति ही इस अवनति का कारण बनी जो निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट है-(1) स्वाधीनता के पश्चात इनके विकास के लिए निर्धारित धनराशि जनजातीय क्षेत्रों से लिए गए संसाधन मूल्यों की तुलना में भी कम थी।
(2) जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग तथा अन्य उच्च समितियों द्वारा प्रदत्त सिफारिशों को लागू करने में लापरवाही बरती गई।
(2) जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग तथा अन्य उच्च समितियों द्वारा प्रदत्त सिफारिशों को लागू करने में लापरवाही बरती गई।(3) विकास के लिए किए गए प्रयासों ने जनजातियों में विषमता की स्थितियों को कम करने के बजाय उन्हें और बढ़ा दिया।
(2) जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग तथा अन्य उच्च समितियों द्वारा प्रदत्त सिफारिशों को लागू करने में लापरवाही बरती गई।(3) विकास के लिए किए गए प्रयासों ने जनजातियों में विषमता की स्थितियों को कम करने के बजाय उन्हें और बढ़ा दिया।(4) जनजातियों के विकास के लिए आवंटित धनराशि को गैर-उपयोजना क्षेत्र में व्यय करने की प्रवृत्ति अब भी जारी है।
(2) जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग तथा अन्य उच्च समितियों द्वारा प्रदत्त सिफारिशों को लागू करने में लापरवाही बरती गई।(3) विकास के लिए किए गए प्रयासों ने जनजातियों में विषमता की स्थितियों को कम करने के बजाय उन्हें और बढ़ा दिया।(4) जनजातियों के विकास के लिए आवंटित धनराशि को गैर-उपयोजना क्षेत्र में व्यय करने की प्रवृत्ति अब भी जारी है।इसके अतिरिक्त जनजातीय क्षेत्र के पूर्व जमींदारों की सामंती सोच तथा सरकारी कर्मचारियों एवं व्यवसायी वर्ग का दुर्भावनापूर्ण असहयोग भी आदिवासी विकास कार्यक्रम में बाधक रहा है।
(2) जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति आयोग तथा अन्य उच्च समितियों द्वारा प्रदत्त सिफारिशों को लागू करने में लापरवाही बरती गई।(3) विकास के लिए किए गए प्रयासों ने जनजातियों में विषमता की स्थितियों को कम करने के बजाय उन्हें और बढ़ा दिया।(4) जनजातियों के विकास के लिए आवंटित धनराशि को गैर-उपयोजना क्षेत्र में व्यय करने की प्रवृत्ति अब भी जारी है।इसके अतिरिक्त जनजातीय क्षेत्र के पूर्व जमींदारों की सामंती सोच तथा सरकारी कर्मचारियों एवं व्यवसायी वर्ग का दुर्भावनापूर्ण असहयोग भी आदिवासी विकास कार्यक्रम में बाधक रहा है।वस्तुतः आदिवासी क्षेत्रों में वहाँ की भौगोलिक-ऐतिहासिक परिस्थिति के अनुरूप संविधान की छठी, अनुसूची से मिलता-जुलता संरचनात्मक मॉडल विकसित करके जनजातीय विकास कार्यक्रमों को सार्थक बनाया जा सकता है।
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