Q5. ग्वालियर के मकान में घटी किस घटना से लेखक की माँ को दुःख पहुँचा और लेखक की
माँ ने अपनी गलती का किस प्रकार प्रायश्चित किया?
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यह प्रश्न अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ से लिया गया है :
लेखक के ग्वालियर वाले मकान में दालान में दो रोशनदान थे| रोशनदान के अंदर कबूतर के जोड़े ने घोंसला बनाया था| एक दिन बिल्ली ने घोंसलें से एक अंडा नीचे गिरा दिया और वह अंडा टूट गया| ग्वालियर के मकान में घटी इस घटना से लेखक की माँ को दुःख पहुँचा
लेखक की माँ ने दुसरे अंडे को बचाने की कोशिश की पर दूसरा अंडा भी हाथ से नीचे टूट गया| कबूतर यह सब देखकर इधर-उधर पागलों की तरह चक्कर काटने लगे| यह सब देखकर लेखक की माँ बहुत दुःख हुआ| वह इसे पानी गलती मानने लगी| अपनी गलती की माफ़ी के लिए उन्होंने पूरे दिन का रोजा रखा| दिन-भर उन्होंने कुछ नहीं खाया और न ही पिया| वह दिन-भर रोती रही और अपनी गलती की माफ़ी मांगती रही|
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