Que. 1 वैदिक वांगमय के ऋग्वेद का प्रथम मंत्र (सूक्त) लिखकर भावार्थ लिखिए ?
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. ॐअग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् | होतारं रत्नधातमम् || 1 ||
प्रथम मंडल के प्रथम मंत्र की शुरुआतअग्निदेव की स्तुति से की गई है और कहा गये है कि हे अग्निदेव !हम सब आपकी स्तुति करते है. आप ( अग्निदेव ) जो यज्ञ* के पुरोहितों*, सभीदेवताओं*, सभी ऋत्विजों*, होताओं* और याजकों* को रत्नों* से विभूषित कर उनकाकल्याण करें.
- यज्ञ: सर्वश्रेष्ठ परमार्थिक कर्म, यज्ञ कोएक ऐसा कार्य माना जाता है जिससे परमार्थ की प्राप्ति होती है.
- पुरोहित : पुरोहित वे लोग होते है जोयज्ञ को आगे बढाते है.
- देवता : सभी को अनुदान देने वाले
- ऋत्विज : जो समय के अनुसार और समय केअनुकूल ही यज्ञ का सम्पादन करते है
- होता : होता वे लोग होते है जो यज्ञ मेंदेवों का आवाहन करते है
- याजक : जो यज्ञ करवा रहा है
- रत्न : यहाँ रत्न से अभिप्राय यज्ञ सेप्राप्त होने वाले फल या लाभ से है