Social Sciences, asked by sabiyasaifi006, 2 months ago

Que=2- प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात भारत पर पड़े आर्थिक प्रभावों का वर्णन कीजिए​

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Answered by jayanthstime
1

Answer:

ok

Explanation:

mujhe batha hai

Answered by simantasahu
3

Answer:

आर्थिक प्रभाव

ब्रिटेन में भारतीय सामानों की मांग में तेज़ी से वृद्धि हुई क्योंकि ब्रिटेन में उत्पादन क्षमताओं पर युद्ध के कारण बुरा प्रभाव पड़ा था।

हालाँकि, युद्ध के कारण शिपिंग लेन में व्यवधान उत्पन्न हुआ लेकिन इसका यह अर्थ था कि भारतीय उद्योगों को ब्रिटेन और जर्मनी से पहले आयात किये गए इनपुट की कमी की वज़ह से असुविधा का सामना करना पड़ा था। अतः अतिरिक्त मांग के साथ-साथ आपूर्ति की बाधाएँ भी मौजूद थीं।

युद्ध का एक और परिणाम मुद्रास्फीति के रूप में सामने आया। वर्ष 1914 के बाद छह वर्षों में औद्योगिक कीमतें लगभग दोगुनी हो गईं और बढ़ती कीमतों में तेज़ी ने भारतीय उद्योगों को लाभ पहुँचाया।

कृषि की कीमतें औद्योगिक कीमतों की तुलना में धीमी गति से बढीं। अगले कुछ दशकों में और विशेष रूप से महामंदी (Great Depression) के दौरान वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट की प्रवृत्ति जारी रही।

खाद्य आपूर्ति, विशेष रूप से अनाज की मांग में वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति में भी भारी वृद्धि हुई। यूरोपीय बाज़ार के नुकसान के कारण जूट जैसे नकदी फसलों के निर्यात को भी भारी नुकसान पहुँचा।

उल्लेखनीय है कि इस बीच सैनिकों की मांगों में वृद्धि के चलते भारत में जूट उत्पादन में संलग्न मजदूरों की कमी हुई और बंगाल के जूट मिलों के उत्पादन को भी हानि पहुँची जिसके लिये मुआवज़ा दिया गया परिणामतः आय असमानता में वृद्धि हुई।

वहीं, कपास जैसे घरेलू विनिर्माण क्षेत्रों में ब्रिटिश उत्पादों में आई गिरावट से लाभ भी हुआ जो युद्ध पूर्व बाज़ार पर हावी था।

ब्रिटेन में ब्रिटिश निवेश को पुनः शुरू किया गया, जिससे भारतीय पूंजी के लिये अवसर सृजित हुए।

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