Hindi, asked by harjeetballu, 6 months ago

Question 1.
'कोई चीज जो परम-पर-परम सदियों से जम गई है, उससे
शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाड़ लिया। इस
पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
(a) प्रेमचंद जी ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में फैली
कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है
(b) प्रेमचंद जी जूते की ठोकर से पुरानी जमी हुई। चीजों को
उखाड़ना चाहते थे
(c) प्रेमचंद जी को रूढ़ियों से टकराने में आनंद आता था
(d) इनमें से काई नहीं​

Answers

Answered by bhatiamona
1

'कोई चीज जो परम-पर-परम सदियों से जम गई है, उससे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाड़ लिया। इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

इसका सही जवाब है :

(a) प्रेमचंद जी ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है |

व्याख्या :

'कोई चीज जो परम-पर-परम सदियों से जम गई है, उससे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाड़ लिया। इस पंक्ति का भाव यह है कि प्रेमचंद जी ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है |     प्रेमचंद समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करना चाहते थे |

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