Question 1:
कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' क्यों कहा है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter ग्राम श्री
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सुमित्रानंदन पंत द्वारा चौथे दशक में लिखी गई कविता ‘ग्राम श्री’ प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोरम वर्णन करने में सक्षम है। कवि ने वसंत ऋतु के आगमन और हरे हरे खेतों और प्रकृति की सुंदरता का मनोरम चित्रण किया है। खेतों में दूर तक लहलहाती फसलें, फल फूलों से लदी पेड़-पौधों की डालियां और गंगा की रेत कवि को गहराई से प्रभावित करती है।
उत्तर :-
कवि ने गांव को हरता जन मन इसलिए कहां है क्योंकि वह कोमल ,अति सुंदर और शांत है जो अपनी अपार शोभा से हर मानव के हृदय को आकर्षित करता है। सारा गांव हरियाली से भरा हुआ है। वह बहमूल रत्न पन्ना के समान है जिस पर नीला आकाश छाया हुआ है।जिसके कण कण में हरियाली बसी हुई है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
कवि ने गांव को हरता जन मन इसलिए कहां है क्योंकि वह कोमल ,अति सुंदर और शांत है जो अपनी अपार शोभा से हर मानव के हृदय को आकर्षित करता है। सारा गांव हरियाली से भरा हुआ है। वह बहमूल रत्न पन्ना के समान है जिस पर नीला आकाश छाया हुआ है।जिसके कण कण में हरियाली बसी हुई है।
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कवि ने गाँव को हरता जन मन इसलिए कहा है क्योंकि गाँव में प्रकृति की शोभा देखते ही देखते बनती है जबकि शहर के लोग तो इस प्राकृतिक सौंदर्यता से काफी दूर है ।
कविता में गंगा किनारे के एक खेत का मनोहारी चित्रण किया गया है । कविता का सार इस प्रकार है :
खेतो में दूर दूर तक हरियाली फैली हुई है । सूर्य की किरणे छाई हुई है । तिनको में हरियाली की चमक है । धरती पर नीला आकाश झुका हुआ है । सारी धरती रोमांचित है । जौ और गेहूं में बालियाँ आई हुई है । अरहर और सन की सुंदर किंकनिया उग आई है ।
चारो और पिली सर्सो है । हवा में तैलीय गंध छा गयी है ।
रंग बिरंगे फूलो के बिच मटर की फसल खिली हुई है । उन पर विविध रंगो की तितलियाँ मंडरा रही है । आम के पेड़ो की डालियों पर सुनहरी मंजरियाँ आ गयी है ।
हरियाली मानो हँसमुख सी मनोरम सी है । सर्दी की धूप सुहानी है । वहाँ की कोमल शान्ति अपनी शोभा से जन मन को हर लेती है ।
#Be Brainly !!
कविता में गंगा किनारे के एक खेत का मनोहारी चित्रण किया गया है । कविता का सार इस प्रकार है :
खेतो में दूर दूर तक हरियाली फैली हुई है । सूर्य की किरणे छाई हुई है । तिनको में हरियाली की चमक है । धरती पर नीला आकाश झुका हुआ है । सारी धरती रोमांचित है । जौ और गेहूं में बालियाँ आई हुई है । अरहर और सन की सुंदर किंकनिया उग आई है ।
चारो और पिली सर्सो है । हवा में तैलीय गंध छा गयी है ।
रंग बिरंगे फूलो के बिच मटर की फसल खिली हुई है । उन पर विविध रंगो की तितलियाँ मंडरा रही है । आम के पेड़ो की डालियों पर सुनहरी मंजरियाँ आ गयी है ।
हरियाली मानो हँसमुख सी मनोरम सी है । सर्दी की धूप सुहानी है । वहाँ की कोमल शान्ति अपनी शोभा से जन मन को हर लेती है ।
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