Question 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए I
एक जंगल में परिजात का एक पेड़ था। परिजात का कोई मुकाबला नहीं था। उसकी सुंदरता बेजोड़ थी। उसका रंग-रूप निराला था। परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानो किसी ने आकाश से सारे तारे तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टाँक दिए हों। नन्हें फूलों से झिलमिलाता परिजात जब सुगंध भरी पराग जंगल में बिखेरता तो जंगल नंदन बन जाता। चुंबक की तरह परिजात सबको अपनी तरफ़ खींचता, जिसे देखो, वही परिजात की तरफ़ भागता । सतरंगी शालें ओढ़े चटकीली तितलियाँ सहेलियों के साथ झुंड बनाकर परिजात का श्रृंगार देखने आतीं तथा जाते-जाते फूलों को खींचकर ढेरों पराग अपने साथ ले जाती।
(क) जंगल में कौन-सा पेड़ था तथा वह पेड़ किस प्रकार का था ? २
(ख) वह पेड़ अपने आप को क्या समझता था ? २
(ग) तितलियाँ क्या करती थीं ? २
(घ) गद्यांश में से दो संज्ञा शब्द ढूँढकर उनका भेद लिखें I २
(ङ) इस गद्यांश का शीर्षक क्या है ? अपने उत्तर का कारण भी लिखें I
answer of a and e
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- jangal mi parivartan ka ped tha or uska bejad bhotbsundar tha or koi bhi uska mukambla mahi kar sakta aHi
- vaha apane apnko nile asman se apne ap ko inme bohot acha lag raha tha
- titliya 1 ful se dusre ful pe ja ja kar unka ras pita tha or ithar udhar jata tha
- parivartan or sundarta
- its ur choice and i noww u can write by ur own ok
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