Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 1 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए − सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?

Class 10 - Hindi - डायरी का एक पन्ना Page 73"

Answers

Answered by nikitasingh79
217
सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज ने अपना सक्रिय योगदान दिया था। जगह-जगह से स्त्रियां जुलूस निकालने तथा ठीक स्थान पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी। जब पुलिस ने जुलूस में शामिल लोगों पर लाठियां बरसाने शुरू की तो औरतें  मोन्यूमेंट की सीढ़ियों पर  चढ़कर  झंडा फहराने लगी। उन्होंने स्वतंत्रा की घोषणा भी पढ़ी। स्त्रियां बड़ी भारी संख्या में उस जुलूस में  शामिल थी। पुलिसवालों ने उन स्त्रियों पर भी लाठियां चलाई। किंतु उन का उत्साह कम नहीं हुआ। वह निरंतर आगे बढ़ती रही। उस दिन लगभग 105 स्त्रियां गिरफ्तार की गई और उंहें मारा पीटा भी गया। इस प्रकार सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की भूमिका सराहनीय थे।

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Answered by suyashdev07
7

Answer:

सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी।

Explanation:

सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी। भारी पुलिस व्यवस्था के बावजूद स्त्रियों के दल अनेक जगहों से जुलूस बनाकर सभास्थल की और बढ़ रहे थे| मारवाड़ी बालिका विद्यालय में झंडोत्सव मनाया गया जिसमें जानकी देवी और मदासला बज़ाज जैसी स्त्रियों ने भी भाग लिया। मोनुमेंट पर भी बड़ी संख्या में स्त्रियों ने निडर होकर झंडा फहराया। सरकारी कानून का उल्लंघन कर लगभग 105 स्त्रियों ने अपनी गिरफ्तारी दी। पुलिस ने जुलूस में भाग लेने वाली स्त्रियों पर भी दमन किया| इन सबके बावजूद भी स्त्रियाँ लाल बाज़ार तक आगे बढ़ती रही।

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