Question 10:
काव्य-सौंदर्य लिखिए -
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सवँर के।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter मेघ आए
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सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता ‘मेघ आए’ प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त कविता है। इसमें कवि ने बादलों के आने को एक मेहमान के रूप में पेश किया है। कवि ने आकाश में मेघों के आने का वर्णन की तुलना गांव में सज सवंरकर आने वाले दमाद के साथ की है। जिस प्रकार दमाद के आने पर गांव में प्रसन्नता का वातावरण उत्पन्न हो जाता है उसी प्रकार मेघा के आने पर धरती के प्राकृतिक उपादान उमंग में झूम उठते हैं।
उत्तर :
भाव सौंदर्य :
इसमें बादलों के सौंदर्य को अत्यंत मनोरम ढंग से व्यक्त किया गया है।
बादल के लिए सजे संवरे शहरी दमाद का उपमान बहुत सुंदर कल्पना है। बादल बहुत बन-ठन कर गांव में आए हैं, जिस प्रकार शहर का दामाद बहुत बन ठनकर गांव में आता है।
शिल्प सौंदर्य :
प्रस्तुत काव्यांश में मेघों का मानवीकरण किया गया है। ‘बड़े बन ठन के’ में 'ब’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है तथा ‘पाहुन ज्यों आए हो’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है। भाषा सहज ,प्रभावी तथा ग्रामीण लोक- जीवन की महक लिए हुए हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
उत्तर :
भाव सौंदर्य :
इसमें बादलों के सौंदर्य को अत्यंत मनोरम ढंग से व्यक्त किया गया है।
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शिल्प सौंदर्य :
प्रस्तुत काव्यांश में मेघों का मानवीकरण किया गया है। ‘बड़े बन ठन के’ में 'ब’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है तथा ‘पाहुन ज्यों आए हो’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है। भाषा सहज ,प्रभावी तथा ग्रामीण लोक- जीवन की महक लिए हुए हैं।
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heya....
your answer: is provided in the attachment (pic)...
hope helped..
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