Question 12:
ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है। वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर : -
ज्ञान की आंधी से भक्त के जीवन के भ्रम दूर हो जाते हैं। माया उसे बांधकर नहीं रख सकती। उसके मन की दुविधा खत्म हो जाती है। वह मोह माया के बंधनों से छूट जाता है ।अज्ञान और विषय वासनाएं मिट जाती हैं, उनका जीवन में कोई स्थान नहीं रह जाता। शरीर कपट से रहित हो जाता है ।ईश्वर के प्रेम और अनुग्रह की वर्षा होने लगती है। ज्ञान रूपी सूर्य के उदय हो जाने से अज्ञान का अधिकार क्षीण हो जाता है ।परमात्मा की भक्ति का सब तरफ़ उजाला फैल जाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर : -
ज्ञान की आंधी से भक्त के जीवन के भ्रम दूर हो जाते हैं। माया उसे बांधकर नहीं रख सकती। उसके मन की दुविधा खत्म हो जाती है। वह मोह माया के बंधनों से छूट जाता है ।अज्ञान और विषय वासनाएं मिट जाती हैं, उनका जीवन में कोई स्थान नहीं रह जाता। शरीर कपट से रहित हो जाता है ।ईश्वर के प्रेम और अनुग्रह की वर्षा होने लगती है। ज्ञान रूपी सूर्य के उदय हो जाने से अज्ञान का अधिकार क्षीण हो जाता है ।परमात्मा की भक्ति का सब तरफ़ उजाला फैल जाता है।
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1helpingbuddy:
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ज्ञान की आंधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?
=> कबीर अत्यंत उदार निर्भय तथा सद्गृहस्थ संत थे राम रहीम की एकता में विश्वास रखने वाले कबीर ने ईश्वर के नाम पर चलने वाले हर तरह के पाखंड भेदभाव और कर्मकांड का खंडन किया है कबीर का जन्म सन 1389 ईस्वी में काशी में हुआ था और उनकी मृत्यु 1518 में हो गई
ज्ञान की आंधी आने पर भक्त ईश्वर प्रेम को जल में अपमान करता है अज्ञान रुपी अंधेरा ज्ञानरूपी सूर्य के उदय होने पर हाथ जाता है और भक्त वास्तविक स्वरूप से परिचित हो जाता है
आशा करते हैं या उत्तर आपकी मदद करेगा
=> कबीर अत्यंत उदार निर्भय तथा सद्गृहस्थ संत थे राम रहीम की एकता में विश्वास रखने वाले कबीर ने ईश्वर के नाम पर चलने वाले हर तरह के पाखंड भेदभाव और कर्मकांड का खंडन किया है कबीर का जन्म सन 1389 ईस्वी में काशी में हुआ था और उनकी मृत्यु 1518 में हो गई
ज्ञान की आंधी आने पर भक्त ईश्वर प्रेम को जल में अपमान करता है अज्ञान रुपी अंधेरा ज्ञानरूपी सूर्य के उदय होने पर हाथ जाता है और भक्त वास्तविक स्वरूप से परिचित हो जाता है
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