Question 14:
संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद
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उत्तर :-
कबीर निर्गुण काव्य धारा के संत थे। जिन्होंने बड़े स्पष्ट रूप से अपने विचारों को प्रकट किया था। संकलित साखियों और पदों के आधार पर उनके धार्मिक और सांप्रदायिक भेदभाव संबंधी विचार प्रकट किए जा सकते हैं। उन्होंने प्रेम के महत्व ,संत के लक्षण ,ज्ञान की महिमा, बाह्यडंबरों का विरोध आदि का वर्णन अपनी साखियों तथा पदों में किया है। वे मानते हैं कि जब हृदय में भक्ति भाव पूर्ण रुप से भरे होते हैं तब हंस रूपी आत्माएं कहीं भी और नहीं जाना चाहती बल्कि वहीं से मुक्ति रूपी मोतियों को चुनना चाहती हैं। जब भक्त परस्पर मिल जाते हैं तो प्रभु भक्ति परिपक्व हो जाती है तब उन्हें माया रुपी संसार के प्रति कोई रुचि नहीं रह जाती है। तब संसार की सभी विषय वासनाएं मिट जाती है। मानव को ज्ञान रूपी हाथी पर सवार होकर भक्ति मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। उसे आलोचना करने वालों की बिल्कुल भी परवाह नहीं करनी चाहिए। संत जन कवि पक्ष विपक्ष के विवाद में नहीं पड़ते। जो व्यक्ति निरपेक्ष होकर ईश्वर के नाम में लीन हो जाते हैं वह चतुर ज्ञानी होते हैं। हिंदू और मुसलमान ईश्वर के वास्तविक सत्य को समझे बिना एक दूसरे के प्रति भेदभाव करते हैं। परमात्मा सर्वशक्तिमान है यह परम सत्य है। उसमें कोई भेद नहीं पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले परमात्मा के स्वरुप में भी भेद करते हैं। इस संसार में व्यक्ति अपनी करनी से बड़ा बनता है न कि अपने ऊंचे परिवार से। ऊंचे परिवार में उत्पन्न व्यक्ति सदा ऊंचा नहीं होता। मानव परमात्मा को प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के रास्ते अपना आते हैं। वे बाह्यडंबरों को अपनाते हैं पर इसमें परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती। परमात्मा न तो मंदिर में बसता है और न ही मस्जिद में। वह क्रिया कर्मो, योग- साधना और वैराग्य से भी प्राप्त नहीं होता वह तो हर प्राणी में है। यदि उसे प्राप्त करने की भावना हो तो वह मन की पवित्रता से पाया जा सकता है। जब हृदय में ज्ञान की आंधी चलने लगती है तो सभी प्रकार के भ्रम दूर हो जाते हैं और माया जीव को बांधकर नहीं रख पाती। दुविधाएं समाप्त हो जाती है ।जब परमात्मा के प्रेम की वर्षा होती है तो भक्त उसने पूरी तरह से भीग जाते हैं। ज्ञान का सूर्य उदित हो जाने पर अज्ञान का अंधकार मिट जाता है और परमात्मा की भक्ति का सब जगह उजाला हो जाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
कबीर निर्गुण काव्य धारा के संत थे। जिन्होंने बड़े स्पष्ट रूप से अपने विचारों को प्रकट किया था। संकलित साखियों और पदों के आधार पर उनके धार्मिक और सांप्रदायिक भेदभाव संबंधी विचार प्रकट किए जा सकते हैं। उन्होंने प्रेम के महत्व ,संत के लक्षण ,ज्ञान की महिमा, बाह्यडंबरों का विरोध आदि का वर्णन अपनी साखियों तथा पदों में किया है। वे मानते हैं कि जब हृदय में भक्ति भाव पूर्ण रुप से भरे होते हैं तब हंस रूपी आत्माएं कहीं भी और नहीं जाना चाहती बल्कि वहीं से मुक्ति रूपी मोतियों को चुनना चाहती हैं। जब भक्त परस्पर मिल जाते हैं तो प्रभु भक्ति परिपक्व हो जाती है तब उन्हें माया रुपी संसार के प्रति कोई रुचि नहीं रह जाती है। तब संसार की सभी विषय वासनाएं मिट जाती है। मानव को ज्ञान रूपी हाथी पर सवार होकर भक्ति मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। उसे आलोचना करने वालों की बिल्कुल भी परवाह नहीं करनी चाहिए। संत जन कवि पक्ष विपक्ष के विवाद में नहीं पड़ते। जो व्यक्ति निरपेक्ष होकर ईश्वर के नाम में लीन हो जाते हैं वह चतुर ज्ञानी होते हैं। हिंदू और मुसलमान ईश्वर के वास्तविक सत्य को समझे बिना एक दूसरे के प्रति भेदभाव करते हैं। परमात्मा सर्वशक्तिमान है यह परम सत्य है। उसमें कोई भेद नहीं पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले परमात्मा के स्वरुप में भी भेद करते हैं। इस संसार में व्यक्ति अपनी करनी से बड़ा बनता है न कि अपने ऊंचे परिवार से। ऊंचे परिवार में उत्पन्न व्यक्ति सदा ऊंचा नहीं होता। मानव परमात्मा को प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के रास्ते अपना आते हैं। वे बाह्यडंबरों को अपनाते हैं पर इसमें परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती। परमात्मा न तो मंदिर में बसता है और न ही मस्जिद में। वह क्रिया कर्मो, योग- साधना और वैराग्य से भी प्राप्त नहीं होता वह तो हर प्राणी में है। यदि उसे प्राप्त करने की भावना हो तो वह मन की पवित्रता से पाया जा सकता है। जब हृदय में ज्ञान की आंधी चलने लगती है तो सभी प्रकार के भ्रम दूर हो जाते हैं और माया जीव को बांधकर नहीं रख पाती। दुविधाएं समाप्त हो जाती है ।जब परमात्मा के प्रेम की वर्षा होती है तो भक्त उसने पूरी तरह से भीग जाते हैं। ज्ञान का सूर्य उदित हो जाने पर अज्ञान का अंधकार मिट जाता है और परमात्मा की भक्ति का सब जगह उजाला हो जाता है।
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skbashiruddin:
thanks
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69
Explanation:
............,....................as............
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