Question 2:
कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter ग्राम श्री
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सुमित्रानंदन पंत द्वारा चौथे दशक में लिखी गई कविता ‘ग्राम श्री’ प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोरम वर्णन करने में सक्षम है। कवि ने वसंत ऋतु के आगमन और हरे हरे खेतों और प्रकृति की सुंदरता का मनोरम चित्रण किया है। खेतों में दूर तक लहलहाती फसलें, फल फूलों से लदी पेड़-पौधों की डालियां और गंगा की रेत कवि को गहराई से प्रभावित करती है।
उत्तर :-
कविता में शीत ऋतु के अंत और बसंत के मौसम का वर्णन है। बसंत के आने पर सर्दियों की ठिठुरन कम हो जाती है। धूप में थोड़ी तेज़ी बढ़ने लगती है। दिन रात सर्दी से ठिठुरते खेतों की हरियाली भी मानो गर्मी पाकर अलसाने लगी है। सर्दियों में रात के अंधकार में ओस चुपचाप पेड़-पौधों तथा सारी प्रकृति को नहला देती हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
कविता में शीत ऋतु के अंत और बसंत के मौसम का वर्णन है। बसंत के आने पर सर्दियों की ठिठुरन कम हो जाती है। धूप में थोड़ी तेज़ी बढ़ने लगती है। दिन रात सर्दी से ठिठुरते खेतों की हरियाली भी मानो गर्मी पाकर अलसाने लगी है। सर्दियों में रात के अंधकार में ओस चुपचाप पेड़-पौधों तथा सारी प्रकृति को नहला देती हैं।
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कविवर सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को अल्मोड़ा के निकट कौसानी ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम पंडित गंगादत्त था जन्म के 6 घंटे पश्चात ही इनकी माता स्वर्ग सिधार गई अतः उनका लालन-पालन पिता तथा दादी ने किया उनकी प्रारंभिक शिक्षा कौसानी गांव में तथा उच्च शिक्षा का पहला चरण अल्मोड़ा में और बाद में बनारस के क्वींस कॉलेज में हुए इनका काव्यगत रीजन यही से हुआ उन्होंने स्वयं ही अपना नाम गुसाई दत्त से बदलकर सुमित्रानंदन पंत रखा काशी में पंत जी का परिचय सरोजिनी नायडू तथा रवींद्रनाथ ठाकुर के काव्य के साथ-साथ अंग्रेजी की रोमांटिक कविता से हुआ और यही पर इन्होंने कविता प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रशंसा प्राप्त की सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित होने पर उनकी रचनाएं काव्य के हृदय में अपनी धाक जमाने 1950 ईस्वी में ऑल इंडिया रेडियो के पद पर नियुक्त हुए और अप्रत्यक्ष रूप से संबंध छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक थे इन्होंने वर्ष 1916 से 1977तक साहित्य सेवा की 18 दिसंबर 1977 को प्रकृति का सुकुमार कवि पंचतत्व में विलीन हो गया
कविता में बसंत ऋतु का वर्णन किया गया है जिस प्रकार खेतों में फैली हरियाली और सरसों के पीले फूलों से ऐसा लगता है कि मानो स्वर्ग में आ गए हैं कवि ने इस मौसम का वर्णन सुंदर वर्णों में किया है वे पके हुए आम और अमरुद ओके मीठे मीठे फल और यह धानी कलर की चुनरी उड़े धरती सुबह-सुबह हरियाली पर मोती की तरह यह पानी की बूंदे
आशा करते हैं उत्तर आपकी मदद करेगा
कविता में बसंत ऋतु का वर्णन किया गया है जिस प्रकार खेतों में फैली हरियाली और सरसों के पीले फूलों से ऐसा लगता है कि मानो स्वर्ग में आ गए हैं कवि ने इस मौसम का वर्णन सुंदर वर्णों में किया है वे पके हुए आम और अमरुद ओके मीठे मीठे फल और यह धानी कलर की चुनरी उड़े धरती सुबह-सुबह हरियाली पर मोती की तरह यह पानी की बूंदे
आशा करते हैं उत्तर आपकी मदद करेगा
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