Question 2
कविता पंख लगाकर कहा-कहा उड़ सकती हैं
Answers
Answer:
Explanation:
kavita pankh lgakar har jgah UD sakti hai
कविता पंख लगा कर कहां कहां उड़ सकती है ?
उत्तर :
कविता की उड़ान असीमित उड़ान है।
कविता की उड़ान असीमित है। वह एक घर से दूसरे घर तक उड़ती है। वह इस असीमित गगन में उड़ सकती है। उसकी उड़ान व्यापक है। कवि के भावों की कोई सीमा नहीं होती। इसलिए कविता भाव व्यक्त करने के माध्यम से घर-घर की कहानी कहती है। कविता ऊँची-ऊँची उड़ान भरकर कल्पना अनंत आकाश में उड़ती है।
कविता पंख लगा कर मानव के आंतरिक और बाहरी मन दोनों जगह उड़ सकती है। कविता की उड़ान कल्पना की उड़ान होती है। उसकी कोई सीमा नहीं वह मानव के आंतरिक मन में कल्पनाओं के रूप में उड़ती है तो बाहरी रूप से उन कल्पना को साकार करते हुए उड़ती है। कवि की घटनाओं के पूरे संसार में कविता अपने शब्द रूपी पंख लगाकर उड़ती है।
#SPJ3
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कविता के पंख लगा कर कवि उड़ता है।