Question 2:
निर्देशानुसारं परिवर्तनं कुरुत-
यथा- अहं क्रीडामि। – (बहुवचने) – वयं क्रीडामः।
(क) अहं नृत्यामि। – (बहुवचने) – ..............................................
(ख) त्वं पठसि। – (बहुवचने) – ..............................................
(ग) युवां गच्छथः। – (एकवचने) – ..............................................
(घ) अस्माकं पुस्तकानि। – (एकवचने) – ..............................................
(ङ) तव गृहम्। – (द्विवचने) – ..............................................
Class 6 NCERT Sanskrit Chapter क्रीडास्पर्धा (सर्वनामप्रयोगः)
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•संस्कृत में तीन वचन होते हैं -
एकवचनम् >> जिससे एक वस्तु का बोध हो ।
द्विवचनम् >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो।
बहुवचनम् >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
*सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर अथवा संज्ञा के साथ प्रयोग में लाए जाते हैं। जैसे - सा, तत्, सः, ते, एतत्, इत्यादि।
•संस्कृत में सर्वनाम शब्द का पूर्व निर्धारित लिंग नहीं होता है। सर्वनाम शब्द जिस शब्द के साथ प्रयुक्त होता है वह उसी लिंग का बन जाता है। सर्वनाम शब्दों के रूप तीनो लिंगो में चलते हैं।
*जो विभक्ति, वचन तथा लिंग संज्ञा शब्द में होता है वही सर्वनाम में भी रहता है।
•पुलिंग में एषः (एकवचन) तथा एते (बहुवचन) पद होते हैं। स्त्रीलिंग में एषा (एकवचन) तथा एताः (बहुवचन) पद होते हैं।नपुसंकलिंग में एतत् (एकवचन) तथा एतानि (बहुवचन) पद होते हैं। ये सब प्रथम पुरुष के सर्वनाम है।
•मध्यम पुरुष में त्वम् (एकवचन), यूयम् (बहुवचन) तथा संबंध वाचक तव (एकवचन) , युष्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
•उत्तम पुरुष में अहम् (एकवचन), वयम् (बहुवचन), के साथ संबंध वाचक मम (एकवचन) ,अस्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
(क) अहं नृत्यामि। (बहुवचने)
उत्तराणि : - वयम् नृत्यामः
(ख) त्वं पठसि। (बहुवचने)
उत्तराणि : - यूयम् पठथ
(ग) युवां गच्छथः। (एकवचने)
उत्तराणि : - त्वं गच्छसि
(घ) अस्माकं पुस्तकानि। (एकवचने)
उत्तराणि : - मम् पुस्तकम्
(ङ) तव गृहम्। (द्विवचने)
उत्तराणि : - युवयोः गृहे
HOPE THIS WILL HELP YOU...
एकवचनम् >> जिससे एक वस्तु का बोध हो ।
द्विवचनम् >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो।
बहुवचनम् >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
*सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर अथवा संज्ञा के साथ प्रयोग में लाए जाते हैं। जैसे - सा, तत्, सः, ते, एतत्, इत्यादि।
•संस्कृत में सर्वनाम शब्द का पूर्व निर्धारित लिंग नहीं होता है। सर्वनाम शब्द जिस शब्द के साथ प्रयुक्त होता है वह उसी लिंग का बन जाता है। सर्वनाम शब्दों के रूप तीनो लिंगो में चलते हैं।
*जो विभक्ति, वचन तथा लिंग संज्ञा शब्द में होता है वही सर्वनाम में भी रहता है।
•पुलिंग में एषः (एकवचन) तथा एते (बहुवचन) पद होते हैं। स्त्रीलिंग में एषा (एकवचन) तथा एताः (बहुवचन) पद होते हैं।नपुसंकलिंग में एतत् (एकवचन) तथा एतानि (बहुवचन) पद होते हैं। ये सब प्रथम पुरुष के सर्वनाम है।
•मध्यम पुरुष में त्वम् (एकवचन), यूयम् (बहुवचन) तथा संबंध वाचक तव (एकवचन) , युष्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
•उत्तम पुरुष में अहम् (एकवचन), वयम् (बहुवचन), के साथ संबंध वाचक मम (एकवचन) ,अस्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
(क) अहं नृत्यामि। (बहुवचने)
उत्तराणि : - वयम् नृत्यामः
(ख) त्वं पठसि। (बहुवचने)
उत्तराणि : - यूयम् पठथ
(ग) युवां गच्छथः। (एकवचने)
उत्तराणि : - त्वं गच्छसि
(घ) अस्माकं पुस्तकानि। (एकवचने)
उत्तराणि : - मम् पुस्तकम्
(ङ) तव गृहम्। (द्विवचने)
उत्तराणि : - युवयोः गृहे
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Explanation:
स: सविस्मयं पश्यति - ( बहुवचने परिवर्तयतु
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