Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 2 पीटी साहब की 'शाबाश' फ़ौज के तमगों-सी क्यों लगती थी। स्पष्ट कीजिए।

Class 10 - Hindi - सपनों के-से दिन Page 30"

Answers

Answered by nikitasingh79
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पीटी मास्टर प्रीतम चंद बहुत सख्त स्वभाव और अनुशासन में रहने वाले इंसान थे। वह छोटी से छोटी गलती पर भी बच्चों को बुरी तरह मारते थे। बच्चों ने उन्हें कभी भी हंसते या मुस्कुराते हुए नहीं देखा था। बच्चे उनसे बहुत डरते थे कि पता नहीं कब खाल खींचने वाला मुहावरा दिखाई दे। बच्चों को स्काउटिंग की परेड का अभ्यास करवाते समय यदि कोई गलती नहीं होती थी तो वह बच्चों को शाबाश कहते थे। बच्चों को वह शाबाश फौज के तमगों जैसी लगती थी। बच्चों को लगता था कि उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण कार्य अच्छे तरीके से पूरा किया है इस कारण पीटी साहब से शाबाश रूपी तमगा मिला है।==========================================================Hope this will help you...
Answered by mail4shrutijain
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Answer:

पीटी साहब बहुत ही कड़क थे और बात-बात पर चमड़ी उधेर देने की धमकी देते थे। बच्चे उनसे बहुत डरते थे। लेखक के अनुसार कोई ऐसा आदमी जो साल भर आपकी आलोचना करता है तो उसकी एक शाबाशी भी बहुत अच्छी लगती है। इसलिए पीटी साहब की ‘शाबाश’ लेखक को फौज के तमगों सी लगती थीI

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