Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 2:
सरसों को 'सयानी' कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter चंद्र गहना से लौटती बेर"

Answers

Answered by nikitasingh79
115
‘चंद्र ग्रहण से लौटती बेर ‘ कविता के रचयिता कवि केदारनाथ अग्रवाल जी है। इस कविता में कवि का प्रकृति के प्रति गहन प्रेम का पता चलता है। वह चंद्र गहना नामक स्थान से लौटते हैं, तो वहां का प्राकृतिक परिवेश उन्हें बहुत आकर्षित कर लेता है। उसी प्रकृति एवं संस्कृति की एकता उन्होंने इस कविता में व्यक्त की है।

उत्तर:-
कवि ने सरसों को सयानी इसलिए कहा है क्योंकि वह पढ़ कर पूरी तरह तैयार हो चुकी है उसका पूर्ण विकास हो चुका है। उसके पीले पीले फूलों से सारे खेत दूर-दूर तक पीले रंग में रंगे हुए दिखाई देते हैं। ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने उसके हाथ पीले कर देने का निश्चय कर लिया है और वह विवाह मंडप में सज सवंरकर स्वयं उतर आई हो।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by Brainlyaccount
57
सरसों का पेड़ बड़ा हो गया तथा उस में फूल और फलियां लगने लगे हैं कवी इस परंपरा की ओर भी संकेत करता है कि लड़कियों के सयाने हो जाने पर उनका विवाह कार्य संपन्न होता है तथा वह आगे चलकर सरसों की भी हाथ पीले करने की बात करता है
Similar questions