Question 2:
श्लोकांशान् योजयत-
क ख
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
गच्छन् पिपीलको याति जीवने यो न सार्थकः।
प्रियवाक्यप्रदानेन को भेदः पिककाकयोः।
किं भवेत् तेन पाठेन योजनानां शतान्यपि। काकः कृष्णः पिकः कृष्णः वचने का दरिद्रता।
Class 6 NCERT Sanskrit Chapter सूक्तिस्तबकः
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इस पाठ में उत्तम सूक्तियों का संग्रह है। इसका सार यह है -
यदि बालक भी हितकारी वचन कहे तो भी उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। क्या सूर्य के न रहने पर दीपक जलाया नहीं जाता है। पुस्तक में पढ़ाया गया पाठ जीवन में साध लेना चाहिए। जो पाठ सार्थक न हो उस पाठ का क्या लाभ? प्रिय वाक्य को सुनकर सभी मनुष्य प्रसन्न हो जाते हैं। अतः मधुर बोलना चाहिए। चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन पार कर जाती है । एक स्थान पर बैठा हुआ गरुड़ भी एक कदम पार नहीं कर सकता।
उत्तराणि : -
क ख
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं → वचने का दरिद्रता।
गच्छन् पिपीलको याति → योजनानां शतान्यपि।
प्रियवाक्यप्रदानेन → सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
किं भवेत् तेन पाठेन → जीवने यो न सार्थकः।
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः → को भेदः पिककाकयोः।
HOPE THIS WILL HELP YOU.
यदि बालक भी हितकारी वचन कहे तो भी उसे ग्रहण कर लेना चाहिए। क्या सूर्य के न रहने पर दीपक जलाया नहीं जाता है। पुस्तक में पढ़ाया गया पाठ जीवन में साध लेना चाहिए। जो पाठ सार्थक न हो उस पाठ का क्या लाभ? प्रिय वाक्य को सुनकर सभी मनुष्य प्रसन्न हो जाते हैं। अतः मधुर बोलना चाहिए। चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन पार कर जाती है । एक स्थान पर बैठा हुआ गरुड़ भी एक कदम पार नहीं कर सकता।
उत्तराणि : -
क ख
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं → वचने का दरिद्रता।
गच्छन् पिपीलको याति → योजनानां शतान्यपि।
प्रियवाक्यप्रदानेन → सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
किं भवेत् तेन पाठेन → जीवने यो न सार्थकः।
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः → को भेदः पिककाकयोः।
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★ HERE IS YOUR ANSWER ★
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तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं - सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
गच्छन् पिपीलको याति - जीवने यो न सार्थकः।
प्रियवाक्यप्रदानेन - को भेदः पिककाकयोः।
किं भवेत् तेन पाठेन - योजनानां शतान्यपि।
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः - वचने का दरिद्रता।
☆ THANK YOU ☆
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तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं - सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।
गच्छन् पिपीलको याति - जीवने यो न सार्थकः।
प्रियवाक्यप्रदानेन - को भेदः पिककाकयोः।
किं भवेत् तेन पाठेन - योजनानां शतान्यपि।
काकः कृष्णः पिकः कृष्णः - वचने का दरिद्रता।
☆ THANK YOU ☆
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