Question 21
निम्नलिखित काय्याश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी ॥
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु । चहत उड़ावन फूकि पहारू ।
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
देखि कुटारू सरासन वाना । में कछु कहा सहित अभिमाना
(क) "मुनीसु' कौन है? लक्ष्मण उनसे बहस क्यों कर रहे हैं?
(ख) लक्ष्मण के हँसने का क्या कारण है?
(ग) लक्ष्मण की 'मृदुवाणी' की क्या विशेषता है?
(घ) आशय स्पष्ट कीजिए- चहत उड़ायन पूंकि पहारु ।
(ङ) 'कुम्हड़बतिया' का उदाहरण क्यों दिया गया है?
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Answer:
- "मुनीसु" परशुराम है। परशुराम अपने आप को सबसे महान बता रहे थे इसलिए लखन उनसे बहस कर रहे थे।
- लक्ष्मण के हँसने का कारण परशुराम की गर्व भरी बातें एवं खुद को परशुराम द्वारा हलके में लेना है।
- लक्ष्मण एक बहुत ही गुस्सैल किस्म के व्यक्ति थे। उनकी मृदुवानी की विशेषता यह है कि वह कठोर वचन बोलने से कतराते नहीं है!
- इस आशय से यह स्पष्ट होता है कि परशुराम अपने वचनों से पहाड़ को परास्त करना चाहते है अर्थात बिना किसी लड़ाई युद्ध के वो जीत हासिल करना चाहते थे।
- उपर्युक्त पंक्ति लक्ष्मण जी ने परशुराम जी से उस समय कही जब वे उन्हें बार-बार अपने क्रोध,पराक्रम और प्रतिष्ठा के विषय में बताते हुये उन्हें अपने फरसे की तीक्ष्णता से भी अवगत करा रहे थे जिसे सुन कर लक्ष्मण जी स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख सके और प्र्त्युत्तर में बोले कि बार-बार ये कुल्हाड़ा दिखा कर आप मानो फूँक से पहाड़ उड़ाना चाहते हो तो यहाँ कोई कुम्हड बतिया अर्थात कमजोर नहीं हैं जो आपकी तर्जनी देख कर डर जाए। इस लोकोक्ति के द्वारा वे परशुराम जी को सचेत करना चाहते है कि उनकी बातों से वे तनिक भी नहीं डरे,उन्हे अपनी शक्ति और क्षमता पर पूरा विश्वास है और वे उनका घमंड तोड़ने का पूरा साहस रखते हैं। और यदि आपको अपनी क्षमता पर इतना ही घमंड है तो आकर हमसे युद्ध कीजिएगा हम युद्ध के लिए तैयार हैं। हम तो आपको एक ऋषि, महात्मा समझ कर छोड़ रहे हैं। पर हम ब्राह्मण और ऋषि, महात्माओं के साथ युद्ध नहीं करते हैं।
वो रहा आपका उत्तर!❤️
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