Question 3:
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter चंद्र गहना से लौटती बेर
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‘चंद्र ग्रहण से लौटती बेर ‘ कविता के रचयिता कवि केदारनाथ अग्रवाल जी है। इस कविता में कवि का प्रकृति के प्रति गहन प्रेम का पता चलता है। वह चंद्र गहना नामक स्थान से लौटते हैं, तो वहां का प्राकृतिक परिवेश उन्हें बहुत आकर्षित कर लेता है। उसी प्रकृति एवं संस्कृति की एकता उन्होंने इस कविता में व्यक्त की है।
उत्तर:-
अलसी के पेड़ सजे- संवरे चने के पास ही उगे हैं। ये दुबले-पतले लहराते हुए हैं। इनकी कमर बहुत पतली एवं लचीली है। वह चंचलता से परिपूर्ण है।कवि इन्हें एक प्रेमिका के रूप में देख रहा है और कहता है कि अलसी भी अपने सिर पर नीले रंग के फूलों को सजाए हुए हैं और अलसी शरारत भरे स्वर में कहती है कि यदि कोई उसे छू लेगा तो वह अपना हृदय उसे दान में दे देगी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर:-
अलसी के पेड़ सजे- संवरे चने के पास ही उगे हैं। ये दुबले-पतले लहराते हुए हैं। इनकी कमर बहुत पतली एवं लचीली है। वह चंचलता से परिपूर्ण है।कवि इन्हें एक प्रेमिका के रूप में देख रहा है और कहता है कि अलसी भी अपने सिर पर नीले रंग के फूलों को सजाए हुए हैं और अलसी शरारत भरे स्वर में कहती है कि यदि कोई उसे छू लेगा तो वह अपना हृदय उसे दान में दे देगी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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अलसी कहती है कि जो भी मुझे पहले छुएगा मैं अपना हृदय उसे दान कर दूंगी
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