India Languages, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 3:
अधोलिखितेषु पदेषु उदाहरणानुसारेण धातुं प्रत्ययं च पृथक् कुरुत-
पदानि
धातु:
प्रत्यय:
(क)
यथा- गत्वा
=
गम्‌
+
क्त्वा
कृत्वा
=
--------------------
+
--------------------
भृत्वा
=
--------------------
+
--------------------
स्नात्वा
=
--------------------
+
--------------------
(ख)
यथा - पठितुम्‌
=
पठ्
+
तुमुन्‌
कर्तुम्‌
=
--------------------
+
--------------------
खादितुम्‌
=
--------------------
+
--------------------
द्रष्टुम्‌
=
--------------------
+
--------------------
=
+
पदानि
=
उपसर्ग:
+
धातु:
प्रत्यय:
(ग)
यथा- आनीय
=

+
नी
ल्यप्‌
आगत्य
=
--------------------
+
--------------------
--------------------
निधाय
=
--------------------
+
--------------------
--------------------
आदाय
=
--------------------
+
--------------------
--------------------
संस्पृश्य
=
--------------------
+
--------------------
--------------------
Class 8 NCERT Sanskrit chapter प्रेमलस्य प्रेमल्याश्च कथा

Answers

Answered by nikitasingh79
148
प्रत्यय : शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

• संस्कृत में इनका विभाजन पांच भागों में किया गया है।

तिड् प्रत्यय , सुप्  प्रत्यय , कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय , स्त्री प्रत्यय ।

•कृत् प्रत्यय : कृत् प्रत्यय केवल धातु से ही जोड़े जाते हैं। इन पत्तियों को जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे कृदन्त कहते हैं।

•कृदन्त प्रत्यय निम्न प्रकार के होते हैं :

क्त्वा  , तूमुन् , ल्यप् ।

उत्तराणि :-

      पदानि      धातु: प्रत्यय:

क) १. कृत्वा        कृ + क्त्वा

   २. भृत्वा        भृ + क्त्वा

  ३. स्नात्वा       स्ना + क्त्वा

ख)
१.  कर्तुम्‌         कृ + तूमुन्

२.  खादितुम्‌      खाद् + तूमुन्

३.  द्रष्टुम्‌          दृश + तूमुन्


ग)
१. आगत्य = आ + गम् +ल्यप्‌

निधाय = नि +धा  + ल्यप्‌

आदाय =आ  + दा+ ल्यप्‌

संस्पृश्य = सम् + स्पृश + ल्यप्

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Answered by ghoshpapiya381
2

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