Question 3:
एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter सवैये
Answers
Answered by
324
रसखान कृष्ण भक्ति काव्य के सुप्रसिद्ध कवि है। ‘सवैये’ में कृष्ण भक्त रसखान श्री कृष्ण भूमि के प्रति समर्पण का भाव व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यदि मैं मनुष्य रूप में जन्म लूं तो मैं ब्रजक्षेत्र के गोकुल गांव में ग्वालों के बीच जन्म लूं। कवि ने श्री कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को प्रकट किया है ।वे हर अवस्था में अपने ब्रजक्षेत्र और अपने इष्ट को प्राप्त करना चाहते हैं।
उत्तर :-
लकड़ी के एक डंडे को हाथ में धारण कर और शरीर पर काला कंबल ओढ़कर ग्वाले श्रीकृष्ण के साथ गाय चराने जाया करते थे। कवि के हृदय में उस 'लकुटी’ और ‘कामरिया’ के प्रति अनन्य समर्पण भाव है जिस कारण वह उन पर सब कुछ निछावर करने को तैयार है। वह कहते हैं कि मैं इस लाठी और उनके द्वारा ओढ़े जाने वाले कमरिया के बदले तीनों लोकों का राज्य त्याग दो।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
लकड़ी के एक डंडे को हाथ में धारण कर और शरीर पर काला कंबल ओढ़कर ग्वाले श्रीकृष्ण के साथ गाय चराने जाया करते थे। कवि के हृदय में उस 'लकुटी’ और ‘कामरिया’ के प्रति अनन्य समर्पण भाव है जिस कारण वह उन पर सब कुछ निछावर करने को तैयार है। वह कहते हैं कि मैं इस लाठी और उनके द्वारा ओढ़े जाने वाले कमरिया के बदले तीनों लोकों का राज्य त्याग दो।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by
147
यहां संकलित पहले और दूसरे सवैये में कृष्ण और कृष्ण भूमि के प्रति कवि का अनन्य संपँण भाव व्यक्त हुआ है तीसरे छंद में कृष्ण के रूप सौंदर्य के प्रति गोपियों की मुग्धता का चित्रण है जिसमे कृष्ण का रूप धारण कर लेना चाहती हैं चौथे छंद में कृष्ण की मुरली की धुन और उनकी मुस्कान के अचूक प्रभाव तथा गोपियों की विवशता का वर्णन है.
एक लकुटी और कमरिया पर कवी सब कुछ न्योछावर करने को इसलिए तैयार है कि दुनिया के अन्य साधनों में उसे वह शांति नहीं मिलती जो कृष्ण के समीप स्वयं को ले जाने से प्राप्त होती है अतः व कृष्ण को प्रिय तथा गोचारण में कृष्ण द्वारा प्रयोग किए जाने वाले संसाधनों को प्राप्त कर लेने मात्र से ही प्रसन्न है उसे कृष्ण प्रेम के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु की कोई आवश्यकता नहीं है .
आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा
एक लकुटी और कमरिया पर कवी सब कुछ न्योछावर करने को इसलिए तैयार है कि दुनिया के अन्य साधनों में उसे वह शांति नहीं मिलती जो कृष्ण के समीप स्वयं को ले जाने से प्राप्त होती है अतः व कृष्ण को प्रिय तथा गोचारण में कृष्ण द्वारा प्रयोग किए जाने वाले संसाधनों को प्राप्त कर लेने मात्र से ही प्रसन्न है उसे कृष्ण प्रेम के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु की कोई आवश्यकता नहीं है .
आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा
Similar questions