Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 4:
आशय स्पष्ट कीजिए -
(क) जाने-अनजाने आज के माहौल में आपका चरित्र भी बदल रहा है और आप उत्पाद को समर्पित होते जा रहे हैं।
(ख) प्रतिष्ठा के अनेक रूप होते हैं, चाहे वे हास्यास्पद ही क्यों न हो।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter उपभोक्तावाद की संस्कृति

Answers

Answered by nikitasingh79
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‘उपभोक्तावाद की संस्कृति ‘ पाठ के लेखक डॉ० श्याम चरण दुबे हैं। इस पाठ में लेखक ने विज्ञापनों की चमक दमक से प्रभावित होकर खरीदारी करने वालों को सचेत किया है कि इस प्रकार गुणों पर ध्यान न देकर बाहरी दिखावे से प्रभावित होकर कुछ खरीदने की आदत से समाज में दिखावे को बढ़ावा मिलेगा तथा हर जगह अशांति और विषमता फैल जाएगी। एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।ईर्ष्या की भावना समाज में अशांति को बढ़ावा दे रही है।

उत्तर :-
क) उपभोग- भोग को ही सुख मानने के कारण आज का मनुष्य अधिक से अधिक भौतिक सुख सुविधाओं को जुटाने में लगा हुआ है। इस प्रकार आज के इस उपभोक्तावादी वातावरण में न चाहते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति का चरित्र भी बदल रहा है और न चाहने पर भी हम सभी उत्पाद को प्राप्त करने के लिए कोशिश करते हैं और उसके भोग को ही सुख मान बैठे हैं।

ख) लेखक का मानना है कि लोग प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार के कार्य करते हैं। उनके कुछ कार्य तो इतनी अधिक मूर्खतापूर्ण हरकतों से युक्त होते हैं कि उन्हें देखकर ही हंसी आ जाती है। इससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि नहीं होती बल्कि उनका मजाक ही बन जाता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by rishusingh2735
72

Answer:

Hey mate refer to attachment for your answer.

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