Question 4:
भाव स्पष्ट कीजिए -
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter यमराज की दिशा
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चंद्रकांत देवताले की कविता ‘यमराज की दिशा’ में कवि ने सभ्यता के विकास के खतरनाक दिशा की ओर संकेत करते हुए चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि इस रूप में मानव कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इसका जीवन चारों ओर से संकट में घिरा हुआ है। इस कविता में कवि ने अपनी मां और ईश्वर की मुलाकात के बारे में बताया कि जब मां और ईश्वर ईश्वर की भेंट हुई तो ईश्वर ने मां को बताया कि मानव को दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इसलिए कवि की मां कवि को सलाह देती है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी मत सोना।
उत्तर :-
धरती पर हर दिशा में मौत के चिन्हों से युक्त है। कोई भी तो ऐसी जगह नहीं बची जहां मानव- मानव आपस में उलझते न हो लड़ते न हो। हर तरफ घृणा और हिंसा का राज्य फैला है । मौत का देवता यमराज अपने भव्य महलों में हर दिशा में देहकती आंखों सहित एक साथ विराजमान है। हर जगह मौत का ही राज है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
धरती पर हर दिशा में मौत के चिन्हों से युक्त है। कोई भी तो ऐसी जगह नहीं बची जहां मानव- मानव आपस में उलझते न हो लड़ते न हो। हर तरफ घृणा और हिंसा का राज्य फैला है । मौत का देवता यमराज अपने भव्य महलों में हर दिशा में देहकती आंखों सहित एक साथ विराजमान है। हर जगह मौत का ही राज है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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कहने का भाव यह है कि आज मनुष्य के प्राण लेकर अपनी रक्तिम प्यास बुझाने में लगा हुआ है इसी का इशारा करते हुए अंतिम पंक्तियों में कवि कहता है कि वे सभी में एक साथ अपनी दहकती आंखों सहित विराजते हैं सभ्यता के विकास ने मनुष्य को मनुष्य के खून की प्यास बढ़ा दी है .
I hope it's help you **
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