Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 5:
अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीर ने किस तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद

Answers

Answered by nikitasingh79
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में  संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है वह  नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।

उत्तर :
अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीर ने निम्न प्रकार तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है :
मनुष्य ईश्वर को पाना चाहता है पर वह सच्चे और पवित्र मन से ऐसा नहीं करना चाहता। वह दूसरों के बहकावे में आकर आडंबरों के जंजाल को स्वीकार कर लेता है तथा धर्म के अलग-अलग आधार बना लेता है। हिंदू काशी से तो मुसलमान काबा से जुड़कर ईश्वर  को पाना चाहते हैं। वे उस ईश्वर को भिन्न-भिन्न नामों से पुकार कर स्वयं को दूसरों से अलग कर लेते हैं‌। यह भूल जाते हैं कि ईश्वर एक ही है। जिस प्रकार मोटे आटे से मैदा बनता है पर लोग उन दोनों को अलग मानने लगते हैं। उसी प्रकार मनुष्य अलग-अलग धर्म स्वीकार कर आत्मा के स्वरूप को भी भिन्न-भिन्न मानने लगते हैं। जन्म से कोई छोटा- बड़ा ,अच्छा- बुरा नहीं होता। हर व्यक्ति अपने कर्मों से जाना पहचाना जाता है उसी के अनुसार फल प्राप्त करता है, समाज में अपना नाम बनाता है। किसी ऊंचे वंश में उत्पन्न हुआ व्यक्ति यदि बुरे कर्म करे तो वह ऊंचा नहीं कहलाता। नीच कर्म करने वाला नीच ही कहलाता है ।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by Brainlyaccount
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अंतिम दो दोहों के माध्यम से कवि ने संप्रदाय गत सक्रियताऔ और उच्च कुल में जन्माने के अहंकार की ओर संकेत किया है
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