Question 5:
आशय स्पष्ट कीजिए -
इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter एक कुत्ता और एक मैना
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‘एक कुत्ता और एक मैना ‘ पाठ में हजारी प्रसाद द्विवेदी ने गुरुदेव रविंद्रनाथ से संबंधित अपनी स्मृतियों को आत्मकथात्मक शैली में प्रस्तुत किया है। इस पाठ में पशु पक्षियों में मिलने वाले प्रेम, भक्ति, विनोद और करुणा जैसे मानवीय भावनाओं का विस्तृत वर्णन है। इसमें रवींद्रनाथ की कविताओं और उनसे जुड़ी स्मृतियों के माध्यम से गुरुदेव की संवेदनशीलता, विराटता और सहजता के चित्र तो उकेरे ही गए हैं, पशु पक्षियों के संवेदनशील जीवन का भी बहुत सूक्ष्म निरीक्षण है ।यह निबंध हमें सभी जीवो से प्रेम करने की प्रेरणा देता है।
उत्तर :
गुरुदेव की दृष्टि मर्मभेदी थी। वे भाषाहीन प्राणियों के मनोभावों को अच्छी तरह समझते थे।सभी पशु पक्षियों में अपने हित अनहित को पहचानने की अनुपम शक्ति होती है। अपने चाहने वालों को देखकर उनका रोम-रोम स्नेह रस का अनुभव करने लगता है तथा चेहरे से संतोष झलकने लगता है। गुरुदेव का कहना है कि इन वाक्यहीन प्राणीयों मे सिर्फ कुत्ता ही ऐसा जीव है जो अच्छा बुरा सबको भेदकर संपूर्ण मनुष्य को देख सकने की क्षमता रखता है।उस मूर्ख प्राणी में कवि ने आत्मनिवेदन ,दैन्य, करुणा और सहज बोध का जो भाव अपनी दृष्टि से देखा, जो प्रायः मनुष्य भी एक मनुष्य के भीतर नहीं देख पाता।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :
गुरुदेव की दृष्टि मर्मभेदी थी। वे भाषाहीन प्राणियों के मनोभावों को अच्छी तरह समझते थे।सभी पशु पक्षियों में अपने हित अनहित को पहचानने की अनुपम शक्ति होती है। अपने चाहने वालों को देखकर उनका रोम-रोम स्नेह रस का अनुभव करने लगता है तथा चेहरे से संतोष झलकने लगता है। गुरुदेव का कहना है कि इन वाक्यहीन प्राणीयों मे सिर्फ कुत्ता ही ऐसा जीव है जो अच्छा बुरा सबको भेदकर संपूर्ण मनुष्य को देख सकने की क्षमता रखता है।उस मूर्ख प्राणी में कवि ने आत्मनिवेदन ,दैन्य, करुणा और सहज बोध का जो भाव अपनी दृष्टि से देखा, जो प्रायः मनुष्य भी एक मनुष्य के भीतर नहीं देख पाता।
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heya...
your ans..isin the pic..
hope helped..
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