Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 5:
कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी -
(क) वह आपको क्या सीख देती हैं?
(ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter यमराज की दिशा

Answers

Answered by nikitasingh79
66
चंद्रकांत देवताले की कविता ‘यमराज की दिशा’ में कवि ने सभ्यता के विकास के खतरनाक दिशा की ओर संकेत करते हुए चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि इस रूप में मानव कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इसका जीवन चारों ओर से संकट में घिरा हुआ है। इस कविता में कवि ने अपनी मां और ईश्वर की मुलाकात के बारे में बताया कि जब मां और ईश्वर ईश्वर की भेंट हुई तो ईश्वर ने मां को बताया कि मानव को दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इसलिए कवि की मां कवि को सलाह देती है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी मत सोना।

उत्तर :-
क) मेरी मां भी मुझे सदा अच्छी अच्छी प्रकार की सीख देती है। ईश्वर के प्रति विश्वास करना ,अपने से बड़ों का कहना मानना ,उनका सम्मान करना ,साफ सफाई रखना, समय का पालन करना ,पढ़ाई करना, दूसरों की मदद करना ,देशभक्ति की भावना, मीठा बोलना ,लड़ाई झगड़े से दूर रहना ,बुराई से दूर रहना, गरीबों की मदद करना आदि न जाने बहुत सी बातों के बारे में वह मुझे सीख देती रहती हैं।

ख) मुझे अपनी मां की हर सीख उचित जान पड़ती है क्योंकि उनके पास जीवन का अनुभव है वह उसी  अनुभव की सीख ही तो मुझे देती है ।मां से बढ़कर मेरा अच्छा चाहने वाला कौन हो सकता है? मुझे उसी ने जन्म दिया है, पालन-पोषण किया है । वह मेरे जीवन को संवारना चाहती है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by fatemaattari11
9

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