"Question 5 रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
Class 10 - Hindi - तताँरा-वामीरो कथा Page 84"
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प्रत्येक समाज अपने जीवन को सुचारु रुप से चलाने के लिए कुछ मान्यताओं और परंपराओं का पालन करता है। समय के साथ-साथ इन मान्यताओं और परंपराओं में बदलाव होना जरूरी है। यदि इनमें परिवर्तन ना हो तो यह मान्यताएं और परंपराएं बंधन बन जाती हैं। तब इसका पालन करना बोझ के समान लगता है। नई पीढ़ी उन्नति चाहती है। यह मान्यताएं और परंपराएं तब विकास में भी बाधक बनती हैं। स्वतंत्र विचारों वाली पीढ़ी इसे स्वीकार नहीं कर पाती। यदि हम फिर भी इन मान्यताओं परंपराओं से चिपके रहे तो हमारी आने वाली पीढ़ी उन्नति और विकास रुकता है। बोझ बनी इन मान्यताओं और परंपराओं से न तो उन्नति हो सकती है और न ही स्वच्छ जीवनयापन। ऐसे में इन मान्यताओं और परंपराओं का टूट जाना ही अच्छा होता है।
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रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है।
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