Question 6:
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या उसके कर्मों से? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद"
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‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है। वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।
उत्तर :
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मो से होती है न की उसके कुल से। ऊंचे कुल में उत्पन्न होने वाला व्यक्ति यदि नीच कर्म करता है तो उसे ऊंचा नहीं माना जा सकता। वह नीच ही कहलाता है ।सोने के बने कलश में यदि शराब भरी हो तो भी उसकी निंदा ही की जाती है। सज्जन उसकी प्रशंसा नहीं करते ।व्यक्ति अपने कर्मों से ऊंचा बनता है। किसी भी कुल में जन्मा व्यक्ति यदि पवित्र कर्म तथा सत्कर्म करता है तो वह ऊंचा व महान बनता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर :
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मो से होती है न की उसके कुल से। ऊंचे कुल में उत्पन्न होने वाला व्यक्ति यदि नीच कर्म करता है तो उसे ऊंचा नहीं माना जा सकता। वह नीच ही कहलाता है ।सोने के बने कलश में यदि शराब भरी हो तो भी उसकी निंदा ही की जाती है। सज्जन उसकी प्रशंसा नहीं करते ।व्यक्ति अपने कर्मों से ऊंचा बनता है। किसी भी कुल में जन्मा व्यक्ति यदि पवित्र कर्म तथा सत्कर्म करता है तो वह ऊंचा व महान बनता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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Answer:
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मो से होती है न की उसके कुल से। ऊंचे कुल में उत्पन्न होने वाला व्यक्ति यदि नीच कर्म करता है तो उसे ऊंचा नहीं माना जा सकता। वह नीच ही कहलाता है ।सोने के बने कलश में यदि शराब भरी हो तो भी उसकी निंदा ही की जाती है। सज्जन उसकी प्रशंसा नहीं करते ।व्यक्ति अपने कर्मों से ऊंचा बनता है। किसी भी कुल में जन्मा व्यक्ति यदि पवित्र कर्म तथा सत्कर्म करता है तो वह ऊंचा व महान बनता है।
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