Question 6:
कभी-कभी उचित-अनुचित के निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter यमराज की दिशा
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चंद्रकांत देवताले की कविता ‘यमराज की दिशा’ में कवि ने सभ्यता के विकास के खतरनाक दिशा की ओर संकेत करते हुए चेतावनी भरे स्वर में कहा है कि इस रूप में मानव कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इसका जीवन चारों ओर से संकट में घिरा हुआ है। इस कविता में कवि ने अपनी मां और ईश्वर की मुलाकात के बारे में बताया कि जब मां और ईश्वर ईश्वर की भेंट हुई तो ईश्वर ने मां को बताया कि मानव को दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता है। इसलिए कवि की मां कवि को सलाह देती है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके कभी मत सोना।
उत्तर :-
ईश्वर सब जगह है पर वह भी दिखाई नहीं देता। उसे अपने भावों विचारों से समझा जा सकता है। प्राकृतिक रूप से मनुष्य का स्वभाव थोड़ा बहुत धर्मभीरु होता है। इसलिए कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक होता है ऐसा करने से मन को दृढ़ता प्राप्त होती है दिशा निर्देश मिलता है और हम मानसिक सहारा प्राप्त करते हैं। मानव के चंचल मन पर नियंत्रण पाने का रास्ता मिलता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनुष्य को प्रत्येक कार्य स्वयं करना होता है पर मन की शक्ति कोई सहारा तो अवश्य पाना चाहती है ।वह सहारा ही ईश्वर है जिसे दिशा देने के लिए ईश्वर का डर दिखाना आवश्यक हो जाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर :-
ईश्वर सब जगह है पर वह भी दिखाई नहीं देता। उसे अपने भावों विचारों से समझा जा सकता है। प्राकृतिक रूप से मनुष्य का स्वभाव थोड़ा बहुत धर्मभीरु होता है। इसलिए कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक होता है ऐसा करने से मन को दृढ़ता प्राप्त होती है दिशा निर्देश मिलता है और हम मानसिक सहारा प्राप्त करते हैं। मानव के चंचल मन पर नियंत्रण पाने का रास्ता मिलता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मनुष्य को प्रत्येक कार्य स्वयं करना होता है पर मन की शक्ति कोई सहारा तो अवश्य पाना चाहती है ।वह सहारा ही ईश्वर है जिसे दिशा देने के लिए ईश्वर का डर दिखाना आवश्यक हो जाता है।
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ईश्वर आस्था का केंद्र और सामान्य लोगों (जनता) के बीच सर्वोच्च सत्ता के रूप में प्रतिष्ठित है इसलिए अनुचित कार्य करने पर ईश्वर के भय को दिखाना (उसके दंड विधान की सर्वोच्च को बताना )आवश्यक हो जाता है.
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Anonymous:
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