Question 6:
लट्लकारपदेभ्य: लोट्-विधिलिङ्लकारपदानां निर्माणं कुरुत-
लट्लकारे
लोट्लकारे
विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति
पठतु
पठेत्
खेलसि
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खादन्ति
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पिबामि
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हसत:
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नयाम:
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Class 8 NCERT Sanskrit chapter सदैव पुरतो निधेहि चरणम्
Answers
•प्रत्येक लकार में तीन पुरुष होते हैं प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष, उत्तम पुरुष।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं एकवचन ,द्विवचन, बहुवचन। एकवचन से एक संख्या का द्विवचन से दो संख्या का तथा बहुवचन से दो से अधिक संख्याओं का बोध होता है।
उत्तराणि :-
लट्लकारे लोट्लकारे विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति पठतु पठेत्
१. खेलसि खेल खेले:
२. खादन्ति खादन्तु खादेयु:
३. पिबामि पिबानि पिबेयम्
४. हसत: हसताम् हसेताम्
५. नयाम: नयाम नयेम
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Answer:-
संस्कृत में काल बताने के लिए 10 लकारों का प्रयोग होता है। 10 लकारों में पांच लकारों का प्रयोग अधिक होता है। लट्, लङ्, ऌट्, लोट् , विधिलिङ्। लट् लकार का प्रयोग वर्तमान काल के लिए होता है। लङ् लकार का प्रयोग भूतकाल के लिए होता है। ऌट् लकार का प्रयोग भविष्य काल के लिए होता है तथा विधिलिङ् लकार का प्रयोग प्रार्थना, आशीर्वाद ,विधि निर्देश आदि में होता है तथा अंत में चाहिए शब्द हो तो विधिलिङ् लकार का प्रयोग होता है।
•प्रत्येक लकार में तीन पुरुष होते हैं प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष, उत्तम पुरुष।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं एकवचन ,द्विवचन, बहुवचन। एकवचन से एक संख्या का द्विवचन से दो संख्या का तथा बहुवचन से दो से अधिक संख्याओं का बोध होता है।
उत्तराणि :-
लट्लकारे लोट्लकारे विधिलिङ्लकारे
यथा-पठति पठतु पठेत्
१. खेलसि खेल खेले:
२. खादन्ति खादन्तु खादेयु:
३. पिबामि पिबानि पिबेयम्
४. हसत: हसताम् हसेताम्
५. नयाम: नयाम नयेम
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