"Question 6 निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए − कवयित्री को आकाश के तारे स्नेहहीन से क्यों प्रतीत हो रहे हैं?
Class 10 - Hindi - मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Page 34"
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स्नेहहीन शब्द का अर्थ है प्रेम रहित, नीरस और तेल से रहित।आकाश के तारे हल्की रोशनी में टिमटिमा रहे हैं। उन की रोशनी बहुत कम है। वे कभी जलते और कभी बुझते से लग रहे हैं। कवित्री कहती है कि ऐसा लगता है मानो इन दीपकों का तेल खत्म हो रहा है और यह तेल रहित होने के कारण टिमटिमा रहे हैं। इसी कारण उसे आकाश के तारे स्नेहहीन से प्रतीत हो रहे हैं।==========================================================
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
स्नेहहीन शब्द का अर्थ है प्रेम रहित, नीरस और तेल से रहित।आकाश के तारे हल्की रोशनी में टिमटिमा रहे हैं। उन की रोशनी बहुत कम है। वे कभी जलते और कभी बुझते से लग रहे हैं। कवित्री कहती है कि ऐसा लगता है मानो इन दीपकों का तेल खत्म हो रहा है और यह तेल रहित होने के कारण टिमटिमा रहे हैं। इसी कारण उसे आकाश के तारे स्नेहहीन से प्रतीत हो रहे हैं।==========================================================
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