India Languages, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 6:
उदाहरणानुसार पद परिचयं ददत −
पदानि
लिङ्गम
विभक्ति:
वचनम्
यथा
चन्द्रस्य
पुँल्लिङ्ग:
षष्ठी
एकवचनम्
(क)
वेधशालायाम्
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(ख)
पृथिवी
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(ग)
परम्परया
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(घ)
त्रीणि
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(ङ)
छायापातेन
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Class 8 NCERT Sanskrit chapter आर्यभट्टः

Answers

Answered by nikitasingh79
15
•संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।

विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया ,तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्टी, सप्तमी , संबोधनम् ।

•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >>  जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।

•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।

•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।

•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।

उत्तराणि : -

१.
पदानि - वेधशालायाम्
लिङ्गम - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: - सप्तमी
वचनम् - एकवचनम्


२.
पदानि - पृथिवी
लिङ्गम - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: - प्रथमा
वचनम् - एकवचनम्


३.
पदानि - परम्परया
लिङ्गम - स्त्रीलिङ्गम्
विभक्ति: -तृतीया
वचनम् - एकवचनम्


४.
पदानि - त्रीणि
लिङ्गम - नपुंसकलिङ्गम्
विभक्ति: - प्रथमा /द्वितीया
वचनम् - बहुवचनम्


५.
पदानि - छायापातेन
लिङ्गम - पुँल्लिङ्गम्
विभक्ति: -तृतीया
वचनम् - एकवचनम्

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Answered by Khushi0511
2
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See the given attachment..

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