Question 6:
उदाहरणानुसारं समुचितैः पदैः रिक्तस्थानानि पूरयत-
शब्दाः विभक्तिः एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
यथा- पट्टिका षष्ठी पट्टिकायाः पट्टिकयोः पट्टिकानाम्
अग्निशिखा सप्तमी अग्निशिखायाम् .................. ..................
सभा चतुर्थी .................. सभाभ्याम् ..................
अहिंसा द्वितीया अहिंसाम् .................. ..................
सफलता पञ्चमी .................. सफलताभ्याम् ..................
सूचिका तृतीया सूचिकया .................. ..................
Class 7 NCERT Sanskrit Chapter त्रिवर्ण: ध्वज:
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•संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।
विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्टी, सप्तमी , संबोधनम् ।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
उत्तराणि :-
शब्दा: ---- अग्निशिखा
विभक्ति: ---- सप्तमी
एकवचनम् ----- अग्निशिखायाम्
द्विवचनम् ----- अग्निशिखयो:
बहुवचनम् ------ अग्निशिखासु
शब्दा: ---- सभा
विभक्ति: ---- चतुर्थी
एकवचनम् ----- सभायै
द्विवचनम् ----- सभाभ्याम्
बहुवचनम् ------ सभाभ्य:
शब्दा: ---- अहिंसा
विभक्ति: ---- द्वितीया
एकवचनम् ----- अहिंसाम्
द्विवचनम् ----- अहिंसे
बहुवचनम् ------ अहिंसा:
शब्दा: ---- सफलता
विभक्ति: ---- पंचमी
एकवचनम् ----- सफलतया:
द्विवचनम् ----- सफलताभ्याम्
बहुवचनम् ------ सफलताभ्य:
शब्दा: ---- सूचिका
विभक्ति: ---- तृतीया
एकवचनम् ----- सूचिकया
द्विवचनम् ----- सूचिकाभ्याम्
बहुवचनम् ------ सूचिकाभि:
HOPE THIS ANSWER WILL HELP YOU…
विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्टी, सप्तमी , संबोधनम् ।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
•लिंग : संस्कृत भाषा में 3 लिंग होते हैं। सामान्यता पुरुष जाति का बोध कराने वाले शब्द पुल्लिंग में , स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द स्त्रीलिंग में तथा अन्य शब्द नपुसंकलिंग में होते हैं।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
उत्तराणि :-
शब्दा: ---- अग्निशिखा
विभक्ति: ---- सप्तमी
एकवचनम् ----- अग्निशिखायाम्
द्विवचनम् ----- अग्निशिखयो:
बहुवचनम् ------ अग्निशिखासु
शब्दा: ---- सभा
विभक्ति: ---- चतुर्थी
एकवचनम् ----- सभायै
द्विवचनम् ----- सभाभ्याम्
बहुवचनम् ------ सभाभ्य:
शब्दा: ---- अहिंसा
विभक्ति: ---- द्वितीया
एकवचनम् ----- अहिंसाम्
द्विवचनम् ----- अहिंसे
बहुवचनम् ------ अहिंसा:
शब्दा: ---- सफलता
विभक्ति: ---- पंचमी
एकवचनम् ----- सफलतया:
द्विवचनम् ----- सफलताभ्याम्
बहुवचनम् ------ सफलताभ्य:
शब्दा: ---- सूचिका
विभक्ति: ---- तृतीया
एकवचनम् ----- सूचिकया
द्विवचनम् ----- सूचिकाभ्याम्
बहुवचनम् ------ सूचिकाभि:
HOPE THIS ANSWER WILL HELP YOU…
GauravSaxena01:
please tell me aap itni jaldi answere kese type karti ho
Answered by
9
मातृभिः
तृतीया द्विवचनम्
तृतीया बहुवचनम्
द्वितीया एकवचनम्
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