Question 7:
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
यथा - गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने)
गिरिशिखरे
पथिन् (सप्तमी-एकवचने)
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राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने)
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पाषाण (सप्तमी-एकवचने)
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यान (द्वितीया-बहुवचने)
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शक्ति (प्रथमा-एकवचने)
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पशु (सप्तमी-बहुवचने)
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Class 8 NCERT Sanskrit chapter सदैव पुरतो निधेहि चरणम्
Answers
संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण। कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
उत्तराणि :-
यथा - गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने) >>>गिरिशिखरे
पथिन् (सप्तमी-एकवचने) >>>पथि
राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने) >>>राष्ट्राय
पाषाण (सप्तमी-एकवचने) >>> पाषाणे
यान (द्वितीया-बहुवचने) >>>यानानि
शक्ति (प्रथमा-एकवचने) >>>शक्ति:
पशु (सप्तमी-बहुवचने) >>>पशुनाम
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Answer:
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं -
एकवचनम् >> जिससे एक वस्तु का बोध हो ।
द्विवचनम् >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो।
बहुवचनम् >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
*सर्वनाम वे शब्द होते हैं जो संज्ञा के स्थान पर अथवा संज्ञा के साथ प्रयोग में लाए जाते हैं। जैसे - सा, तत्, सः, ते, एतत्, इत्यादि।
•संस्कृत में सर्वनाम शब्द का पूर्व निर्धारित लिंग नहीं होता है। सर्वनाम शब्द जिस शब्द के साथ प्रयुक्त होता है वह उसी लिंग का बन जाता है। सर्वनाम शब्दों के रूप तीनो लिंगो में चलते हैं।
*जो विभक्ति, वचन तथा लिंग संज्ञा शब्द में होता है वही सर्वनाम में भी रहता है।
•पुलिंग में एषः (एकवचन) तथा एते (बहुवचन) पद होते हैं। स्त्रीलिंग में एषा (एकवचन) तथा एताः (बहुवचन) पद होते हैं।नपुसंकलिंग में एतत् (एकवचन) तथा एतानि (बहुवचन) पद होते हैं। ये सब प्रथम पुरुष के सर्वनाम है।
•मध्यम पुरुष में त्वम् (एकवचन), यूयम् (बहुवचन) तथा संबंध वाचक तव (एकवचन) , युष्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।
•उत्तम पुरुष में अहम् (एकवचन), वयम् (बहुवचन), के साथ संबंध वाचक मम (एकवचन) ,अस्माकम् (बहुवचन) पद होते हैं।