Question 7:
अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
यथा- चित्रपतङ्गः
(प्रथमा-बहुवचने)
चित्रपतङ्गाः
भल्लुकः
(तृतीया-एकवचने)
................................
उष्ट्रः
(पञ्चमी-द्विवचने)
................................
हरिणः
(सप्तमी-बहुवचने)
................................
व्याघ्रः
(द्वितीया-एकवचने)
.................................
घोटकराजः
(सम्बोधन-एकवचने)
.................................
Class 7 NCERT Sanskrit Chapter लालनगीतम्
Answers
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45
•संस्कृत में संबोधन को छोड़कर सात विभक्तियां , 3 लिंग एवं तीन वचन होते हैं ।
विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्टी, सप्तमी , संबोधनम् ।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
उत्तराणि :-
क) भल्लुक: (तृतीया −एकवचने) → भल्लुकेन्
(ख) उष्ट्र: (पञ्चमी − द्विवचने) → उष्ट्रभ्याम्
(ग) हरिण: (सप्तमी − बहुवचने) → हरिणेणु
(घ) व्याघ्र: (द्वितीया− एकवचने) → व्याघ्रम्
(ङ) घोटकराज: (सम्बोधन − एकवचने) → हे घोटकराज
HOPE THIS ANSWER WILL HELP YOU…
विभक्तियां -प्रथमा, द्वितीया , तृतीया, चतुर्थी ,पंचमी, षष्टी, सप्तमी , संबोधनम् ।
•संस्कृत में छह कारक होते हैं - कर्ता, कर्म ,करण, संप्रदान अपादान, अधिकरण।
•कारक को प्रकट करने के लिए शब्द के साथ जो प्रत्यय जोड़ा जाता है उसे विभक्ति कहते हैं।
•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >> जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।
उत्तराणि :-
क) भल्लुक: (तृतीया −एकवचने) → भल्लुकेन्
(ख) उष्ट्र: (पञ्चमी − द्विवचने) → उष्ट्रभ्याम्
(ग) हरिण: (सप्तमी − बहुवचने) → हरिणेणु
(घ) व्याघ्र: (द्वितीया− एकवचने) → व्याघ्रम्
(ङ) घोटकराज: (सम्बोधन − एकवचने) → हे घोटकराज
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21
Heya !!
Here is your answer...
● भल्लुकः (तृतीया-एकवचने) ==> भल्लुकेन्
● उष्ट्रः (पञ्चमी-द्विवचने) ==> उष्ट्रभ्याम्
● हरिणः (सप्तमी-बहुवचने) ==> हरिणेणु
● व्याघ्रः (द्वितीया-एकवचने) ==> व्याघ्रम्
● घोटकराजः (सम्बोधन-एकवचने) ==> हे घोटकराज
Hope it helps.
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● उष्ट्रः (पञ्चमी-द्विवचने) ==> उष्ट्रभ्याम्
● हरिणः (सप्तमी-बहुवचने) ==> हरिणेणु
● व्याघ्रः (द्वितीया-एकवचने) ==> व्याघ्रम्
● घोटकराजः (सम्बोधन-एकवचने) ==> हे घोटकराज
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