Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Question 7:
काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter साखियाँ एवं सबद"

Answers

Answered by nikitasingh79
307
‘साखियां एवं सबद’ के रचयिता संत कबीर हैं। ‘साखियों’ में संत कबीर ने निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी आस्था के भावों को प्रकट करते हुए माना है कि हृदय रूपी का मानसरोवर भक्ति जल से पूरी तरह भरा हुआ है जिसमें हंस रूपी आत्माएं मुक्ति रूपी मोती चुनती है। ‘ सबद’ में  संत कबीर निर्गुण भक्ति के प्रति अपनी निष्ठा भाव को प्रकट करते हुए कहते हैं कि ईश्वर को मनुष्य अपने अज्ञान के कारण इधर-उधर ढूंढने का प्रयास करता है ।वह नहीं जानता कि उसके अपने भीतर ही छिपा हुआ है।

उत्तर : -
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।

इस दोहे का काव्य सौंदर्य निम्न प्रकार से है-
कवि ने भक्ति के मार्ग में आगे बढ़ने वालों को प्रेरणा दी है कि वह व्यर्थ की आलोचनाओं की परवाह न करें । दोहा छंद में तत्सम और तद्भव शब्दों का सहज प्रयोग किया गया है । लाक्षणिकता ने भाव गहनता को प्रकट किया है। स्वर मैत्री ने गेयता का गुण उत्पन्न किया है। शांत रस का प्रयोग है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

Mankuthemonkey01: thank you
Answered by Anonymous
172
काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
हस्ती ..........................एक मारी !

=> कबीरदास ने ज्ञानी को सहज भाव धारण के लिए प्रेरित किया है संपूर्ण साथी में रूपक अलंकार का सौंदर्य देखने योग्य है झक मारना मुहावरे का सही प्रयोग हुआ है संसार के लोगों को ज्ञानी व विद्वानों पर व्यंजन करने वाला बताया है तत्सम शिक्षित भाषा प्रयुक्त हुए हैं

आशा करते हैं या उत्तर आपकी मदद करेगा
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