Question 7:
लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter मेरे बचपन के दिन
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‘मेरे बचपन के दिन’ पाठ में महादेवी वर्मा ने अपने बचपन की यादों को प्रस्तुत किया है। यह पाठ एक संस्मरण के रूप में है। लेखिका अपने परिवार में लगभग 200 वर्ष बाद पैदा होने वाली लड़की थी इसलिए उनके जन्म पर सबको बहुत खुशी हुई। इसमें लेखिका ने अपने बचपन की उन दिनों का वर्णन किया है जब वे विद्यालय में पढ़ रही थी। इस संस्करण में उन्होंने लड़कियों के प्रति सामाजिक रवैया ,विद्यालय की सहपाठिनें , छात्रावास का जीवन और स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष के घटनाओं का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया है।
उत्तर :-
लेखिका के छात्रावास में हिंदू ,मुस्लिम, ईसाई सभी धर्मों की लड़कियां रहती थी ।इनमें मराठी, हिंदी, उर्दू ,अवधी बुंदेली आदि अनेक भाषाएं बोलने वाली लड़कियां थी। इस प्रकार से धर्म और भाषा का भेद होते हुए भी उनकी पढ़ाई में कोई कठिनाई नहीं आती थी ।सब हिंदी में पढ़ती थी। उन्हें उर्दू की पढ़ाई जाती थी परंतु आपस में वे अपने ही भाषा में बातचीत करती थीं। सबमें परस्पर बहुत प्रेम -भाव था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
लेखिका के छात्रावास में हिंदू ,मुस्लिम, ईसाई सभी धर्मों की लड़कियां रहती थी ।इनमें मराठी, हिंदी, उर्दू ,अवधी बुंदेली आदि अनेक भाषाएं बोलने वाली लड़कियां थी। इस प्रकार से धर्म और भाषा का भेद होते हुए भी उनकी पढ़ाई में कोई कठिनाई नहीं आती थी ।सब हिंदी में पढ़ती थी। उन्हें उर्दू की पढ़ाई जाती थी परंतु आपस में वे अपने ही भाषा में बातचीत करती थीं। सबमें परस्पर बहुत प्रेम -भाव था।
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FuturePoet:
nice answer
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लेखिका "महादेवी वर्मा" के छात्रावास का परिवेश बहुभाषी था। कोई हिंदी बोलता था तो किसी की भाषा उर्दू थी। वहाँ कुछ मराठी लड़किया भी थीं, जो आपस में मराठी बोलती थीं। अवध की लड़कियाँ आपस में अवधी बोलती थीं। बुंदेलखंड की लड़कियाँ बुंदेली में बात करती थीं। अलग-अलग प्रांत के होने के बावजूद भी वे आपस में हिंदी में ही बातें करती थीं। छात्रावास में उन्हें हिंदी तथा उर्दू दोनों की शिक्षा दी जाती थी।
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