Question 7:
प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter प्रेमचंद के फटे जूते
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‘प्रेमचंद के फटे जूते’ लेखक हरिशंकर परसाई द्वारा रचित एक व्यंग रचना है। इसमें लेखक ने प्रेमचंद के फटे हुए जूते एवं उनके साधारण कपड़े जिसमें वे फोटो खिंचवाने भी चले जाते हैं, का वर्णन किया है। लेखक ने प्रेमचंद की सादगी का वर्णन करते हुए समाज में फैली दिखावे की परंपरा पर व्यंग किया है।
उत्तर :-
अपने मनपसंद के कपड़े पहनना सबकी अपनी पसंद होती है। कोई कुछ भी पहने इस पर किसी को कुछ कहने का हक तो नहीं है परंतु पोशाक की विचित्रता पर हंसी तो आ ही जा सकती है। मेरे पड़ोसी लगभग 80 वर्ष के हैं; दुकानदार है और वर्षों से यहीं रह रहे हैं। उनकी पीली पैंट पर भड़कीली लाल कमीज और सिर पर हरी टोपी तुरंत सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। पता नहीं उनके पर इस तरह के रंग बिरंगे पोशाके कितनी है पर जब जब वह बाहर जाते हैं सड़क पर चलती फिरती होली के रंगों की बहार लगते हैं। जो भी उन्हें पहली बार देखता है वह तो बस उनकी और देखता ही रह जाता है पर इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ता।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
अपने मनपसंद के कपड़े पहनना सबकी अपनी पसंद होती है। कोई कुछ भी पहने इस पर किसी को कुछ कहने का हक तो नहीं है परंतु पोशाक की विचित्रता पर हंसी तो आ ही जा सकती है। मेरे पड़ोसी लगभग 80 वर्ष के हैं; दुकानदार है और वर्षों से यहीं रह रहे हैं। उनकी पीली पैंट पर भड़कीली लाल कमीज और सिर पर हरी टोपी तुरंत सबका ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। पता नहीं उनके पर इस तरह के रंग बिरंगे पोशाके कितनी है पर जब जब वह बाहर जाते हैं सड़क पर चलती फिरती होली के रंगों की बहार लगते हैं। जो भी उन्हें पहली बार देखता है वह तो बस उनकी और देखता ही रह जाता है पर इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ता।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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Answer:
- मेरे घर के पास एक डॉक्टर साहब रहते हैं उनकी डिग्री के बारे में लोगों को आज तक नहीं पता लगा क्योंकि उनसे पूछने पर एक ही जवाब मिलता है कि डिग्री से इलाज नहीं होता इलाज होता है अनुभव से तुम मेरा अनुभव देखो सचमुच उन डॉक्टर साहब को मैंने जब भी देखा होगा वह हमेशा ही अपने गले में स्थित इस को लटकाए रहते हैं उन से इलाज कराने जाओ तो वे पहले अपने अनुभव की चर्चा करते हैं फिर अपनी अति व्यस्तता बताते हुए कहते हैं जल्दी करो मुझे कई मरीज देखने बाहर जाना है जबकि वह अपना क्लीनिक छोड़कर बाहर नहीं निकलते हैं बात करने पर लगेगा कि बराक ओबामा के बाद सबसे व्यस्त आदमी वही है उनकी व्यस्तता सुन मरीज दुबारा उनके के पास नहीं आते पर उनकी व्यस्तता कम होने का नाम ही नहीं लेती है।
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