Question 8:
कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है—
और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter चंद्र गहना से लौटती बेर
Answers
Answered by
19
‘चंद्र ग्रहण से लौटती बेर ‘ कविता के रचयिता कवि केदारनाथ अग्रवाल जी है। इस कविता में कवि का प्रकृति के प्रति गहन प्रेम का पता चलता है। वह चंद्र गहना नामक स्थान से लौटते हैं, तो वहां का प्राकृतिक परिवेश उन्हें बहुत आकर्षित कर लेता है। उसी प्रकृति एवं संस्कृति की एकता उन्होंने इस कविता में व्यक्त की है।
उत्तर:-
“चित्रकूट की अनगढ़ चौडी़
कम ऊंची ऊंची पहाड़ियां
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर-उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरुप खड़े हैं।
सुन पड़ता है
मीठा-मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें;”
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर:-
“चित्रकूट की अनगढ़ चौडी़
कम ऊंची ऊंची पहाड़ियां
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर-उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरुप खड़े हैं।
सुन पड़ता है
मीठा-मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें;”
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by
9
chitrakoot kee anagadh chaudee
kam oonchee-unchee pahaadee
door dishaon tak phailee hain.
baanz bhoomi par
idhar-udhar reenva ke ped
kaantedaar kuroop khade hain.
sun padata hai
meetha-meetha ras tapakaata
sugage ka svar
ten ten ten ten;
in panktiyo se ullekhit bhaav vyanjit hota hain
kam oonchee-unchee pahaadee
door dishaon tak phailee hain.
baanz bhoomi par
idhar-udhar reenva ke ped
kaantedaar kuroop khade hain.
sun padata hai
meetha-meetha ras tapakaata
sugage ka svar
ten ten ten ten;
in panktiyo se ullekhit bhaav vyanjit hota hain
Similar questions