Question 9:
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए -
या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।
Class 9 NCERT Hindi Kshitij Chapter सवैये"
Answers
Answered by
203
रसखान कृष्ण भक्ति काव्य के सुप्रसिद्ध कवि है। ‘सवैये’ में कृष्ण भक्त रसखान श्री कृष्ण भूमि के प्रति समर्पण का भाव व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यदि मैं मनुष्य रूप में जन्म लूं तो मैं ब्रजक्षेत्र के गोकुल गांव में ग्वालों के बीच जन्म लूं। कवि ने श्री कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को प्रकट किया है ।वे हर अवस्था में अपने ब्रजक्षेत्र और अपने इष्ट को प्राप्त करना चाहते हैं।
उत्तर :-
गोपियों के हृदय में श्री कृष्ण की बांसुरी के प्रति सौत भावना है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कृष्ण उनकी अपेक्षा बांसुरी को अधिक प्रेम करते हैं इसलिए वह सदा उनकी होंठों पर टिकी रहती है। गोपिया श्रीकृष्ण की प्रत्येक वस्तु को अपनाना चाहती हैं पर अपनी सौत रूपी बांसुरी को होठों पर नहीं रखना चाहती। अनुप्रास अलंकार का सहज प्रयोग सराहनीय है। ब्रजभाषा की कोमल शब्दावली की सुंदर योजना की गई है। गोपियों का हठ भाव अति आकर्षक है। भक्ति रस का सुंदर परिपाक है । भाषा सरस तथा प्रवाहमयी है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
उत्तर :-
गोपियों के हृदय में श्री कृष्ण की बांसुरी के प्रति सौत भावना है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि श्री कृष्ण उनकी अपेक्षा बांसुरी को अधिक प्रेम करते हैं इसलिए वह सदा उनकी होंठों पर टिकी रहती है। गोपिया श्रीकृष्ण की प्रत्येक वस्तु को अपनाना चाहती हैं पर अपनी सौत रूपी बांसुरी को होठों पर नहीं रखना चाहती। अनुप्रास अलंकार का सहज प्रयोग सराहनीय है। ब्रजभाषा की कोमल शब्दावली की सुंदर योजना की गई है। गोपियों का हठ भाव अति आकर्षक है। भक्ति रस का सुंदर परिपाक है । भाषा सरस तथा प्रवाहमयी है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answered by
130
भाव सौंदर्य – गोपी अपनी सखी के कहने पर कृष्ण के समान वस्त्राभूषण तो धारण कर लेगीं परन्तु कृष्ण की मुरली को अधरों पर नहीं रखेगीं। उसके अनुसार उसे यह मुरली सौत की तरह प्रतीत होती है अत:वह सौत रूपी मुरली को अपने होठों से नहीं लगाना चाहती है।
शिल्प सौंदर्य – काव्य में ब्रज भाषा तथा सवैया का सुन्दर प्रयोग हुआ है। ‘ल’ और ‘म’ वर्ण की आवृत्ति होने के कारण यहाँ पर अनुप्रास अलंकार है।
Similar questions