Question = G को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक क्यों कहते हैं ?
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subject =science (बल व गति के नियम )
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सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक : यह एक समानुपाती नियतांक होता है जो न्यूटन के नियम में प्रयोग होता है। हमने न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम हमने पढ़ा वह हमने देखा की समानुपाती का चिन्ह हटाने के लिए न्यूटन ने एक नियतांक का प्रयोग किया था उस नियतांक को ही सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है। इसे सामान्यतया G द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार दो पिंडो के मध्य लगने वाला आकर्षण बल का मान निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है –
यहाँ F = दोनों पिण्डो के मध्य कार्यरत आकर्षण बल का मान
m1 तथा m2 दोनों पिंडो का द्रव्यमान का परिमाण
r = दोनों पिंडो के मध्य की दूरी का मान
तथा
G = यह एक समानुपाती नियतांक है जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहा जाता है। इसका मान G = 6.673×10-11 N m2 kg-2 होता है।
माना m1 = m2 = 1kg
तथा r = 1 मीटर
अर्थात माना दोनों पिंडो का भार एक किलोग्राम है तथा दोनों पिंड एक दुसरे से एक मीटर की दूरी पर स्थित है तो इस स्थिति में
F = G
अत: सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
परिभाषा : एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमान वाले पिण्डो के मध्य लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक के बराबर होता है।
G के मान की गणना प्रयोगों द्वारा सबसे पहले केवेन्डिश (cavendish) ने की थी और इसका मान बताया था।
इसे सार्वत्रिक क्यों कहा जाता है ?
चूँकि G का मान पिण्डो के आकार , उनकी प्रकृति तथा दोनों पिण्डो के मध्य उपस्थित माध्यम पर निर्भर नहीं करता है इसलिए इस नियतांक को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है।
Explanation:
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