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संस्कार किसी व्यक्ति की पहचान है। इससे उसका व्यक्तित्व निखरता है। अच्छा व्यक्तित्व उसके संस्कार से ही आता है। हमारा घर संस्कार की पाठशाला है। संस्कार की शुरुआत घर व परिवार से होती है। यह बातें सेक्टर टू स्थित केरलि स्कूल के प्राचार्य जैकब सीजे ने कही। वह सोमवार को स्कूल में आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कार व्यक्ति को महान बनाता है। सही गलत करने के पूर्व सचेत करता है।
स्कूल की उपप्राचार्या सिस्टर रोसमा टेरियन ने कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति व संस्कार को बनाए रखना चाहिए। संस्कार की पाठशाला घर से ही प्रारंभ होती है। अच्छी आदतों को बार-बार याद कर जीवन में उतारना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अपनी परंपरा को नहीं छोड़ना चाहिए।
कार्यक्रम में बच्चों को संस्कार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। विद्यार्थियों को बड़ों का आदर करने व छोटे के साथ दुलार-प्यार करने की बाते अपनाने की बात कही गई। विद्यार्थियों को संस्कार से संबंधित दैनिक जागरण अखबार की प्रतियां भी बांटी गईं। कार्यक्रम में शिक्षिका विनिता, गीता पार्थ सारथी, रेखा जैकब, शिक्षक देवेंद्र बोहरा, अनिल एक्का, संजय सिंह आदि उपस्थित थे।
संस्कार सभी के लिए जरूरी
संस्कार सभी व्यक्तियों के लिए जरूरी है। वर्तमान में व्यक्ति का विकास हो रहा है, पर संस्कार घट रहा है। इससे भविष्य में दिक्कत होगी। संस्कार के बिना मनुष्य का नैतिक पतन होगा। सभी तरह के विवादों का कारण संस्कार का नहीं होना होता है। इसलिए हर व्यक्ति को संस्कार बनाए रखना चाहिए। इससे ही व्यक्ति का विकास संभव होता है।