Hindi, asked by zolnex, 1 month ago

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Answered by ayushjaiswar05
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Answer:

भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण करने लगती हैं।

Explanation:

लेखक को अतिथि राक्षस के समान लगने लगता है। अब अतिथि के प्रति सत्कार की कोई भावना नहीं बची। भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण करने लगती हैं।

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