Question:-
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मीरा के कहे इन दोहे का अथृ लिखिये।
=>आली री मेरे नैनन बान पड़ी।
चित्त चढ़ी मेरे माधुरि मुरति,उर बिच आन अड़ी।
कब की ठाड़ीं पंथ निहारूँ,अपने भवन खड़ीं।
कैसे प्रान कान बिन राखूँ,जीवन मूरि जड़ी।
मीरा गिरधर हाथ बिकानी , लोक कहै बिगड़ी।।
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Thanks in advance."❤"
shadiyaathar:
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सखी, मुझे तो नैनों का तीर लग गया है। बहुत परेशान हूँ कि मेरे दिल में एक बेहद हसीन मूरत बस गई है। मैं अपने घर पर खड़ी कब से राह देख रही हूँ। अपने महबूब के बग़ैर मैं अपनी ज़िंदगी की जड़ को कैसे जमाए रखूँ। मीरा गिरधर के हाथ बिक गई है। लोग कहते हैं कि बिगड़ गई है।
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उत्तर:
- सखी, मुझे तो नैनों का तीर लग गया है। बहुत परेशान हूँ कि मेरे दिल में एक बेहद हसीन मूरत बस गई है। मैं अपने घर पर खड़ी कब से राह देख रही हूँ। अपने महबूब के बग़ैर मैं अपनी जिंदगी की जड़ को कैसे जमाए रखूँ। मीरा गिरधर के हाथ बिक गई है। लोग कहते हैं कि बिगड़ गई है।
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