री आँखों में तैरते ये समुंदर ये आसमान के अक्स
मैंने देख लिए हैं माँ
माँ... जा सकती हूँ मैं दूर-पार, उस झिलमिलाती दुनिया में
ला सकती हूँ वहाँ से चमकीले टुकडे तेरे सपनों के,
समुंदर की लहरों के थपेडों मेट सकती
मोती और सीपी और नाविकों के किस्से।
कर सकती हूँ माँ, मैं सब-कुछ जो रोशनी-सा चमकीला
रंगों-सा चटकीला हो, पर आने तो दे, डर मत माँ.. मुझे आने दे।
जो
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sorry question smj nhi lga
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