रेडियो जॉकी अद्भुत और कलात्मक गुणो के कारण युवा पिढी को आकर्षित करता है स्पष्ट कीजिए।
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रेडियो जॉकी अद्भुत और कलात्मक गुणो के कारण युवा पीढ़ी को आकर्षित करता है स्पष्ट कीजिए।
रेडियो जॉकी अद्भुत और कलात्मक गुणो के कारण युवा पीढ़ी आकर्षित हो रही है | रेडिओ संचार के साधन के साथ-साथ एक मनोरंजन का भी साधन है | रेडियो जॉकी आजकल अपनी आवाज से हम सभी लोगों का मनोरंजन करते है | रेडियो जॉकी दिन भर अच्छे कार्यक्रम चलाते है |
रेडियो जॉकी वह अच्छी-अच्छी बाते बताते है | रेडियो जॉकी सुबह से खबरों से लेकर अच्छी सोच वाले कार्यक्रम सुनाते है | रेडियो के जरिए हम अपना संदेश दूसरों तक पहुंचा सकते है | रेडिओ में सारा दिन हम अच्छे कार्यक्रम और पुराने गाने सुन सकते है | रेडियो में जानकारी देने वाले कार्यक्रम सुनाएँ जाते है | जिससे हमें बहुत सारी जानकरी मिलती है | जैसे हम बात करें तो , कृषि से संबंधित , स्वास्थ्य से संबंधित , खेलों से संबंधित आदि हमें बहुत अच्छी जानकरी देते है |
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रेडियो जॉकी (Radio Jockey-RJ) जो एक रेडियो टॉक शो होस्ट करता है जहाँ वह श्रोताओं के साथ बातचीत करते हुए श्रोताओं के लिए संगीत या किसी भी प्रकार की चर्चा का विषय चयन करता है.रेडियो जॉकी (Radio Jockey-RJ) द्वारा श्रोताओं को मनोरंजित करने की उत्कंठा,धुन उनके कार्य के प्रति अथाह समर्पण का प्रतिक है.हम सभी को कार्य के प्रति इनके जज्बे से प्रेरणा लेनी चाहिए.आवाज़ की कलात्मकता के साथ साथ अपने शो को जीवंत और दिलचस्प बनाना,चाहे वो हास्य या विनोद के जरिये हो या फिर सामाजिक विषयों पर शास्रार्थ कर ये सिर्फ और सिर्फ रेडियो जॉकी (Radio Jockey-RJ) ही कर सकते है.इनकी बातों के साथ संगीत और भी संगीतमय हो जाती है,रेडियो प्रेमिका बन जाती है,मगरीब क्रीड़ा करने लगती है और निशा वश में नहीं रह जाती.श्रोताओं के सबसे करीब होने की प्रतियोगिता में कोई सबसे फ़िल्मी बना है,कोई हॉट है तो कोई बजाते रहने का प्रण ले रखा है,कोई पुरानी जींस,कोई कल भी आज भी,कोई सनसेट समोसा,कोई टकाटक मुंबई, कोई हाय मुंबई,कोई धीमी लोकल,कोई यादों का इडीअट बॉक्स,कोई रोमांटिक आफ्टरनून,कोई लव गुरु तो कोई मुंबई का भाई -RJ के साथ मनोरंजन के इतने सारे चेहरे - जो भी हो इनकी प्रतियोगिता में जीत रचनात्मकता की होती है,जीत कौशल की होती है और रचनात्मकता,कौशल एवं प्रतिभा के जरिये लड़ने की इस चाह से श्रोताओं के लिए मनोरंजन किसी उपहार से कम नहीं लगता.फिर भी हमारे देश इनके कार्य को निरंतर प्रोत्साहित करने के लिए कोई व्यवस्थित मंच नहीं बन पाया है.